#MeToo कैंपेन के तहत केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। आरोप लगने के बाद भाजपा तमाम राजनीतिक दलों के निशाने पर है। एमजे अकबर के आरोपों पर शिवसेना नेता मनीषा कयांदे ने कहा कि इन आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए। अगर भाजपा पारदर्शिता में यकीन करती है तो आरोपों की जांच होनी चाहिए।
शिवसेना नेता ने कहा कि एमजे अकबर को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और फिर जांच में सहयोग देना चाहिए। जांच पूरी हो जाने के बाद पार्टी को इस मामले में स्टैंड लेना चाहिए।
कई महिला पत्रकार लगा चुकी हैं आरोप
एमजे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपनी बातों को सामने रखा। सबसे पहले पत्रकार प्रिया रमानी ने आरोप लगाते हुए अपनी स्टोरी को साझा किया। उस समय दुनिया भर में शुरू हुए इस कैंपेन के तहत उन्होंने अपनी स्टोरी लिखी था। तब उन्होंने आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया था। अब आठ अक्टूबर को उन्होंने अपनी स्टोरी के लिंक को शेयर करते हुए लिखा कि असल में उनकी पुरानी स्टोरी एमजे अकबर से जुड़ी थी। अपने लेख में प्रिया रमानी ने एक जॉब इंटरव्यू के अनुभव को साझा किया था। इसके बाद से अब तक छह महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर आरोप लगाए हैं।