विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके भारतीय समकक्ष वांग यी ने द्विपक्षीय बातचीत के दौरान यह भी फैसला किया कि द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं पर चर्चा के लिए विदेश सचिव स्तर पर एक नई व्यवस्था बनाई जाए। दोनों देशों के रिश्तों में हाल के महीनों में तनाव देखने को मिला है।
सुषमा ने पीओके में चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर पर भारत की चिंताओं से वांग को अवगत कराया। दोनों विदेश मंत्रियों ने दोपहर के भोज पर तीन घंटे तक बातचीत की। उन्होंने सीमा पर हालात की समीक्षा की और शांति एवं सौहार्द को मजबूत करने के लिए आगे के कदमों पर चर्चा की। इससे पहले शनिवार दिन में वांग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और दोनों के बीच 20 मिनट की मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, एनएसजी में भारत की सदस्यता के प्रयास पर विस्तृत चर्चा की गई। सुषमा ने सीओपी-21 के संदर्भ में स्वच्छ ऊर्जा के हमारे लक्ष्यों के महत्व का उल्लेख किया। भारत ने चीन के साथ किसी भी तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की पेशकश की है। इस पर सहमति बनी कि दोनों देशों के निरस्त्रीकरण महानिदेशक जल्द मुलाकात करेंगे।
चीन ने जून में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता की कोशिश 48 देशों के समूह की पूर्ण बैठक में इस आधार पर बाधित कर दी थी कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। सुषमा ने वांग यी के साथ बातचीत में मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने के भारत के प्रयासों में चीन के अवरोध पैदा करने का मुद्दा भी उठाया।
वांग और सुषमा ने सालाना ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन अक्टूबर में गोवा में होने जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया परस्पर महत्व के मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से नई दिल्ली में मुलाकात की। साथ ही उन्होंने दोनों विदेश मंत्रियों की मुलाकात की एक तस्वीर भी पोस्ट की है।
तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए वांग गोवा भी गए जहां उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत परसेकर से मुलाकात की और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की तैयारियों के बारे में विचार विमर्श किया। चीनी विदेश मंत्री शुक्रवार की रात दिल्ली पहुंचे। वह मोदी से मिले और फिर सुषमा के साथ वार्तालाप किया। (एजेंसी)