डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) 8 नवंबर को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम तट पर के-4 न्यूक्लियर मिसाइल का परीक्षण करेगा। यह टेस्ट पानी के अंदर बने प्लेटफॉर्म से किया जाएगा। इसकी मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है। यह देश की दूसरी अंडरवॉटर मिसाइल है। इससे पहले 700 किलोमीटर मारक-क्षमता वाली बीओ-5 मिसाइल बनाई गई थी। डीआरडीओ ने न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत के लिए मिसाइल बनाई है।
दूसरी अंडरवॉटर मिसाइल
के-4 देश की दूसरी अंडरवॉटर मिसाइल है। इससे पहले 700 किमी मारक-क्षमता वाली बीओ-5 मिसाइल तैयार की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, के-4 का परीक्षण पिछले ही महीने करना था लेकिन किसी कारण से इसे टाल दिया गया। डीआरडीओ अगले कुछ हफ्तों में अग्नि-3 और ब्रम्होस मिसाइल के परीक्षण की योजना भी बना रहा है।
न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन वाला भारत विश्व का छठा देश
देश में बनी पहली न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत को अगस्त 2016 में नेवी के बेड़े में शामिल किया गया था। न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन वाला भारत विश्व का छठा देश है। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के पास ही ऐसी सबमरीन हैं।