विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज लोकसभा में इस मामले में बयान दिया। गत नौ मार्च को शून्यकाल में सदन के कई सदस्यों ने इस विषय को उठाते हुए सरकार से बयान की मांग की थी।
सुषमा ने बीती 22 फरवरी को अमेरिका के कन्सास में 32 वर्षीय भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचीभोतला की अमेरिकी नागरिक द्वारा गोली मारकर हत्या, दो मार्च को भारतीय मूल के हर्निश पटेल पर हमले और चार मार्च को भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक दीप राय पर हमले की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, मैं इस सदन और सदस्यों को आश्वस्त करना चाहूंगी कि विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों की सुरक्षा तथा संरक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि हमले में शिकार लोगों के परिजनों ने भी सरकार पर कोई आरोप नहीं लगाया। जबकि कांग्रेस ने सरकार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, सरकार ने कभी चुप्पी नहीं साधी और न कभी साधेगी। उन्होंने कहा कि हम अमेरिकी सरकार के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। किसी भी आपाताकलीन मुद्दे के समाधान के लिए हमारे दूतावास तथा वाणिज्य महादूतावास स्थानीय भारतीय समुदायों के साथ संपर्क में हैं। हम विदेशों में रहने वाले भारतीयों के जीवन को प्रभावित करने वाली किसी भी गतिविधि के प्रति सतर्क रहेंगे और उनके हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कार्य करेंगे।
विदेश मंत्री ने बताया कि उक्त तीनों ही मामलों में सरकार ने अपने राजदूतावासों तथा महावाणिज्य दूतावासों के माध्यम से प्रभावित लोगों तथा उनके परिजनों को हर समय सहायता देने के लिए उनसे तत्काल संपर्क किया। इन घटनाओं के संबंध में सरकार पर चुप्पी साधने के कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों को खारिज करते हुए सुषमा ने कहा, यह बात पूरी तरह गलत है। यदि कोई भारतीय संकट में है और सरकार चुप्पी साधे रहे, यह संभव ही नहीं है। यह हमारी कार्यशैली नहीं है। यह आरोप बिल्कुल गलत है।