रेल मंत्री पीयूष गोयल ने त्योहारों से ठीक पहले रेल यात्रियों के लिए राहत की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ऐसी ट्रेनों से फ्लेक्सी किराया पूरी तरह से हटाया जा रहा है, जिनमें 50 प्रतिशत से कम सीटों की बिक्री होती है। इसके अलावा सभी ट्रेनों के लिए फ्लेक्सी फेयर की अधिकतम सीमा को टिकट के आधार मूल्य के 1.5 गुना के बजाय 1.4 गुना किया गया है।
15 रेलगाड़ियों से पूरी तरह हटा फ्लेक्सी किराया
कम सीट बुकिंग वाली 15 रेलगाड़ियों से फ्लेक्सी किराया पूरी तरह हटा लिया गया है। 32 रेलगाड़ियों में ऑफ सीजन के दौरान यह प्रणाली लागू नहीं होगी, जबकि 101 रेलगाड़ियों में योजना लागू रहेगी।
किन ट्रेनों में है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम
राजधानी, शताब्दी और दूरंतों जैसी प्रीमियम ट्रेनों में पूर्व रेलमंत्री सुरेश प्रभु के कार्यकाल में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू किया गया था। इस सिस्टम के तहत एक तय सीमा में सीटें बुक होने के बाद किराये में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है, जो अधिकतम 50 फीसदी तक होती है।
इस वजह से पूरी राहत नहीं
फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू होने के बाद से ही रेलवे को इन ट्रेनों से होने वाली आमदनी में 600 से 700 करोड़ रुपये सालाना का फायदा होता है। रेलवे की समस्या यह है कि अगर फ्लेक्सी फेयर को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता है तो रेलवे की यह अतिरिक्त आमदनी खत्म हो जाएगी। ऐसे में इसकी भरपाई कैसे होगी। इसी वजह से यह विकल्प दिया गया है कि पूरी तरह से स्क्रैप करने की बजाय स्कीम में कुछ बदलाव करके यात्रियों को राहत दी जाए।
Indian Railways proposes discontinuation of 'Flexi fares' on trains in which average unidirectional monthly occupancy is less than 50% throughout the year. pic.twitter.com/mYUP66jKAj
— ANI (@ANI) October 31, 2018