केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने निर्देश दिए हैं कि देश भर में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ द्वारा चलाए जाने वाले बाल सुविधा गृहों की फौरन जांच की जाए। झारखंड में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ से जुड़ी एक संस्था द्वारा बच्चों को कथित तौर पर बेचे जाने की घटना के बाद मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि सभी राज्य महीने भर के अंदर बाल देखभाल केंद्रों का रजिस्ट्रेशन कराएं और उन्हें सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) के साथ जोड़ने की प्रक्रिया पूरी करें।
जनवरी 2016 में संशोधित जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सभी बाल देखभाल केंद्रों को कारा के साथ जोड़ना जरूरी है। मौजूदा समय में करीब चार हजार केंद्र कारा के साथ जुड़ने बाकी हैं। पिछले दिसंबर तक केवल 23 सीसीआई को ही कारा से जोड़ा जा सका है। उन्होंने कारा से जुड़े 23 सौ संस्थानों में अभी तक गोद लेने (एडाप्टेश्ान) की प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने पर नाराजगी भी जताई है।