दिल्ली हाई कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्तमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 28 सितंबर तक अंतरिम रोक लगा दी है तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को कहा कि इस मामले में वह पहले ही जवाब दाखिल कर चुकी है।
इससे पहले 25 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को मामले में गिरफ्तारी से एक अगस्त तक की छूट दी थी। ली सुनवाई के दौरान दिल्ली हाइकोर्ट ने आइएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को ईडी की जांच में सहयोग करने और बिना अनुमति के देश छोड़कर नहीं जाने का निर्देश भी दिया था।
ये है पूरा मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला आइएनएक्स मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी थी। इस मामले में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) की 305 करोड़ रुपये की मंजूरी के बारे में कथित भूमिका के लिए जांच एजेंसियों के दायरे में आए हैं। सीबीआइ ने 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि हासिल करने के लिए आइएनएक्स मीडिया को एफआइपीबी से मिली मंजूरी में कथित अनियमितता की शिकायत पाई। जिसके बाद पिछले साल 15 मई को एफआइआर दर्ज की थी।
यूपीए-वन सरकार के दौरान जब यह मंजूरी दी गई तो उस समय पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। इस मामले में उनके बेटे कार्ति का भी नाम सामने आया है। सीबीआइ का कहना है कि कार्ति ने आइएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिये 10 लाख डॉलर की रिश्वत ली। कार्ति पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला खत्म कराने के लिए अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया।