आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को अदालत से राहत नहीं मिली है। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत को 3 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। जिसके बाद अब उन्हें 14 दिन और जेल में रहना होगा। सीबीआइ ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की थी।
चिदंबरम 5 सितंबर से तिहाड़ जेल में हैं। चिदंबरम पर आरोप है कि उनके वित्त मंत्री रहते विदेशी निवेश को मंज़ूरी दी गई। सीबीआइ ने इस मामले में उनके बेटे कार्ति को भी गिरफ्तार किया था लेकिन फिलहाल वह जमानत पर हैं।
सिब्बल ने हिरासत बढ़ाने का किया विरोध
चिदंबरम की ओर से उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीबीआइ की मांग का विरोध किया था। चिदंबरम की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 23 तारीख को सुनवाई करेगा। चिदंबरम ने न्यायिक हिरासत के दौरान नियमित रूप से मेडिकल चेकअप और पर्याप्त सप्लीमेंट्री डाइट सुलभ कराने के लिए आदेश देने की मांग की है।
चिदंबरम की गुहार के बाद ईडी ने हिरासत में लेने से किया इनकार
गौरतलब है कि मामले की पिछली सुनवाई के दौरान चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में अदालत से गुहार की थी कि उनको ईडी की हिरासत में भेज दिया जाए लेकिन ईडी ने हिरासत में लेने से मना कर दिया था। जिसके बाद अदालत ने चिदंबरम की उस मांग को ठुकरा दिया था।
चिदंबरम को उचित समय पर गिरफ्तार करना चाहता है ईडी
ईडी ने चिदंबरम की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभी चिदंबरम को गिरफ्तार करने की आवश्यकता नहीं है। उसने बताया था कि भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआइ द्वारा दर्ज मामले में चिदंबरम न्यायिक हिरासत में हैं और सबूतों से छेड़छाड़ की स्थिति में नहीं हैं। ईडी ने कहा था कि वह इस मामले में 6 अन्य लोगों से पूछताछ करना चाहता है, इसलिए चिदंबरम को वह बाद में उचित समय पर गिरफ्तार करना चाहता है।
क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए सरकार में 2004 से 2014 तक केंद्रीय मंत्री रह चुके चिदंबरम को केंद्रीय जांच एजेंसी ने 21 अगस्त को उनके घर से गिरफ्तार किया था। वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल में 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में अनियमितता बरती जाने का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने 15 मई 2017 को उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 2017 में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।