आईआरसीटीसी मनी लॉड्रिंग मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद, पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दे दी है। उन्हें यह जमानत एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके तथा इतनी ही रकम का एक जमानती लाने पर दे दी गई है। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।
सोमवार को कोर्ट में लालू यादव की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जबकि राबड़ी देवी और तेजस्वी खुद पेश हुए। जमानत मिलने के बाद लालू यादव के बेटे और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, 'हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।‘
सीबीआई और ईडी ने दायर किए हैं मामले
इससे पहले 19 जनवरी को आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े दो मामलों में दिल्ली की एक कोर्ट ने लालू प्रसाद की अंतरिम जमानत अवधि 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी थी। यह दोनों मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दायर किए गए हैं। यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों की देखरेख का काम निजी फर्मों को सौंपने में हुई कथित अनियमितताओं से संबंधित है।
ये है पूरा मामला
-साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आइआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। सीबीआई के मुताबिक, नियमों के विपरीत रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिये गये थे।
-आरोप के मुताबिक, टेंडर दिये जाने के बदले 25 फरवरी, 2005 को कोचर बंधुओं ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को बेच दी, जबकि बाजार में उसकी कीमत ज्यादा थी।
-इस जमीन को कृषि जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेच कर स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी की गयी थी और बाद में 2010 से 2014 के बीच यह बेनामी संपत्ति लालू प्रसाद की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपये में ही दे दी गयी जबकि उस समय बाजार में इसकी कीमत करीब 94 करोड़ रुपये थी।