जम्मू-कश्मीर के सोपोर में गुरुवार दोपहर आतंकियों ने एक पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड से हमला कर दिया। इस हमले में दो पुलिस के जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। बताया जाता है कि आतंकी अभी भी इलाके में छुपे हुए हैं। घायल जवानों को उपचार के लिए निकट के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकी गतिविधि तेज हो गई है। गुरुवार दोपहर आतंकियों ने सोपोर में एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया। आतंकियों ने स्टेशन पर पहले तो ग्रेनेड फेंका फिर फायरिंग करते हुए वहां से भाग निकले।
पुलवामा में मुठभेड़ में चार आतंकी ढेर
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में अब तक चार आतंकी मार गिराए गए हैं। इन 4 आतंकियों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 2 एसपीओ भी शामिल हैं, जो गुरुवार शाम सर्विस राइफल लेकर फरार हो गए थे। दोनों एसपीओ की पहचान शबीर अहमद और सलमान अहमद के तौर पर हुई है। दोनों पुलवामा के ही रहने वाले हैं बताए जा रहे हैं।
जवान के घर में घुसकर आतंकियों ने मार दी गोली
उधर, सेना की टेरिटोरियल आर्मी में तैनात जवान मंजूर अहमद बेग की आतंकियों ने गुरुवार को हत्या कर दी। वह ईद मनाने के लिए घर आए हुए थे। बेग कुछ दिनों से सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के साथ मिलकर काम कर रहे थे और वर्तमान में कश्मीर घाटी में ही तैनात थे। आतंकियों ने अनंतनाग के सादूरा स्थित उनके आवास में घुसकर गोली मार दी और फिर फरार हो गए।
टॉप-10 आतंकियों की सूची जारी
इससे पहले सेना ने बुधवार को कश्मीर के ऐसे टॉप-10 आतंकियों की सूची जारी की थी, जो इलाके में सबसे ज्यादा आतंकी घटनाओं में शामिल रहे हैं। इस लिस्ट में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के सर्वोच्च कमांडर रियाज अहमद नाइकू का भी नाम शामिल था। इस लिस्ट में लश्कर-ए-तैयबा का शोपियां जिला कमांडर वसीम अहमद ऊर्फ ओसामा, एचएम का अनंतनाग जिला कमांडर मोहम्मद अशरफ खान, एचएम का बारामूला जिला कमांडर मेहराजुद्दीन, श्रीनगर में एचएम का आतंकी सैफुल्लाह मीर ऊर्फ डॉक्टर सैफ, एचएम का पुलवामा जिला कमांडर अरशद-उल हक शामिल हैं। भारतीय सेना इन सभी आतंकियों के खात्मे के लिए जल्द विशेष अभियान शुरू करने जा रही है।
अब स्थानीय लोगों से भी मिल रही है जानकारी
आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर सुरक्षाबलों का कहना है कि अब स्थानीय लोगों से भी जानकारी मिल रही हैं, जिसकी वजह से अभियान को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है। जिस तरह से लोग अब जानकारियां साझा कर रहे हैं उससे ये स्पष्ट है कि अब आतंकियों को घाटी में जमीन नहीं मिल रही है।
जम्मू-कश्मीर में जल्द ही अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है, ऐसे में सुरक्षाबलों पर पूरा जिम्मा सुरक्षा व्यवस्था का है। अमरनाथ यात्रा अक्सर आतंकियों के निशाने पर रहती है, ऐसे में सतर्कता बरती जा रही है।