जेट एयरवेज का संचालन ठप होने के बाद कंपनी से जुड़े एक सीनियर टेक्नीशियन ने चार मंजिला इमारत की छत से कूदकर जान दे दी। बताया जा रहा है कि वह कैंसर और आर्थिक तंगी की वजह से तनाव में थे। पुलिस के मुताबिक, वह कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। वहीं, हाल ही में विमानों का संचालन अस्थायी रूप से ठप करने वाली जेट एयरवेज एयरलाइन के स्टाफ और एंप्लॉयी असोसिएशन के मुताबिक वह आर्थिक संकट से गुजर रहे थे क्योंकि पिछले कई महीनों से सैलरी नहीं मिली थी। 45 साल के शैलेश सिंह ने महाराष्ट्र के पालघर के नालासोपारा ईस्ट इलाके में स्थित 4 मंजिला इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली। मामले की जांच जारी है।
‘बीमारी की वजह से था डिप्रेशन’
जेट एयरवेज के करीब 20,000 एंप्लॉयीज को कई महीनों से सैलरी नहीं मिल सकी है। यही नहीं ऑपरेशंस के लिए भी पूंजी का अभाव होने के चलते कंपनी ने विमानों को भी जमीन पर उतार लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'वह कैंसर से जूझ रहे थे और इन दिनों उनकी कीमोथेरेपी चल रही थी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि उन्होंने बीमारी से डिप्रेशन के चलते अपनी जान दे दी।'
जेट एयरलाइंस बंद होने के बाद पहला मामला
जेट एयरवेज एंप्लॉयीज एसोसिएशन ने बताया कि कंपनी का कामकाज बंद होने के बाद यह पहला मामला है, जब किसी कर्मचारी ने अपनी जान दे दी। परिवार में आर्थिक संकट की वजह यह भी थी कि पिता और पुत्र दोनों ही जेट एयरवेज में कार्यरत थे। शैलेश सिंह का बेटा कंपनी के ऑपरेशंस डिपार्टमेंट में काम करता था।
शैलेश सिंह अपने पीछे पत्नी, दो बेटों और दो बेटियों को छोड़ गए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।