दरअसल, केजरीवाल की ओर से राम जेठमलानी को जेटली के खिलाफ कोर्ट में अपमानजनक भाषा का उपयोग करने के कथित निर्देश देने से इंकार करने के बाद वरिष्ठ वकील ने यह कदम उठाया है। राम जेठमलानी ने केजरीवाल को खत लिखकर आरोप लगाया है कि निजी बैठकों में वह जेटली के खिलाफ और भी ज्यादा अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते रहे हैं।
गौरतलब है कि 25 जुलाई को इस मुकदमें की सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने हाई कोर्ट से कहा कि उन्होंने अपने वकील राम जेठमलानी से जेटली पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए नहीं कहा था। केजरीवाल ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने जेठमलानी को पत्र लिखकर यह बात कही थी कि वे अपनी उस बात को वापस लें।
बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा केजरीवाल पर 10 करोड़ रुपये के मानहानि मामले में सीएम की तरफ केस लड़ रहे राम जेठमलानी ने 17 मई को सुनवाई के दौरान जेटली के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग किया था। जेठमलानी ने कोर्ट में केजरीवाल और पांच दूसरे 'आप' नेताओं के खिलाफ 10 करोड़ के मानहानि मुकदमे की सुनवाई के दौरान जेटली को अपराधी कहा था।
इसके बाद जेटली ने पूछा था कि क्या इन शब्दों का इस्तेमाल मुवक्किल के निर्देश पर हुआ था। तब जेठमलानी ने हामी भरी और जेटली ने फिर 10 करोड़ का एक और मानहानि का मुकदमा ठोक दिया था। नए मुकदमे के बाद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा था कि उन्होंने ऐसा कोई निर्देश अपने वकील को नहीं दिया था।