दिल्ली से सटे जेवर में देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे का निर्माण स्विस कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल करेगी। नीलामी में इसने अदाणी एंटरप्राइजेज, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) और एंकरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंटस होल्डिंग लिमिटेड को पीछे छोड़ दिया। बुधवार को इन चार कंपनियों को तकनीकी आधार पर बोली लगाने के योग्य पाया गया था।
ज्यूरिख एयरपोर्ट ने प्रति यात्री सबसे ज्यादा बोली लगाई
प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि इसके निर्माण पर कुल 29,560 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। भाटिया के अनुसार नीलामी में प्रति यात्री सबसे ज्यादा बोली लगाने के कारण ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को कंसेसनायर चुना गया है। एंकरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर ने प्रति यात्री 205 रुपये, डायल ने 351 रुपये, अदाणी एंटरप्राइजेज ने 360 रुपये और ज्यूरिख एयरपोर्ट ने 400.97 रुपये की बोली लगाई थी।
सोमवार को प्रस्ताव यूपी सरकार के सामने रखा जाएगा
भाटिया ने बताया कि ज्यूरिख एयरपोर्ट के प्रस्ताव को सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा। जेवर एयरपोर्ट या नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट 5,000 हेक्टेयर में फैला होगा। प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए 30 मई को वैश्विक निविदा खोली गई थी। पहला चरण 1,334 हेक्टेयर में होगा और इसके 2023 तक पूरा होने का लक्ष्य है। इस पर 4,588 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।
पूरा बनने के बाद जेवर एयरपोर्ट में आठ रनवे होंगे
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। पूरा बनने के बाद इसमें छह से आठ रनवे होंगे। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में होना है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का तीसरा एयरपोर्ट होगा। अभी इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गाजियाबाद का हिंडन एयरपोर्ट, दो हवाईअड्डे हैं।