कोझीकोड में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने आए सिंह ने कहा कि इस संधि ने जम्मू-कश्मीर को भारी नुकसान पहुंचाया है क्योंकि राज्य के लोग विभिन्न नदियों खासकर जम्मू में चेनाब के पानी का कृषि एवं अन्य गतिविधियों के लिए पूरा उपयोग नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा, केंद्र सिंधु जल संधि पर जो भी निर्णय लेगा, राज्य उसका पूरा समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग सिंधु जल संधि से राज्य को हो रहे नुकसान का मुद्दा पहले से ही उठा रहे हैं। यदि केंद्र इस संबंध में कोई फैसला करता है तो राज्य सरकार निश्चित ही उसका पूरा समर्थन करेगी।
सिंह ने कहा, हम उस किसी भी कदम का समर्थन करेंगे जो राज्य के लोगों को लाभ पहुंचाएगा एवं पाकिस्तान को दबाव में लाएगा। भारत ने इस हफ्ते की शुरूआत में स्पष्ट किया था कि ऐसी संधि के चलते रहने के लिए परस्पर विश्वास एवं सहयोग महत्वपूर्ण हैं। सरकार का यह कथन इन मांगों के बीच आया कि सरकार को उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए यह जल वितरण संधि तोड़ देनी चाहिए।
भाषा