छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य करने के मामले पर आलोचना झेल रहे जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) प्रशासन ने अब अध्यापकों की उपस्थिति अनिवार्य करने की तैयारी शुरू कर दी है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इसे लागू करने के लिए एकेडमिक काउंसिल (एसी) ने शुक्रवार को मीटिंग की और अध्यापकों के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम का फैसला लिया गया है।
इसके अलावा, छात्रों को कोर्स में रजिस्ट्रेशन के वक्त एक अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर भी करने होंगे कि वे अटेंडेंस नियमों का पालन करेंगे। काउंसिल ने अगले साल से प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन करवाने को भी मंजूरी दे दी है।
जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) और स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स की डीन कविता सिंह को मीटिंग में शामिल होने से रोक दिया गया। जेएनयूएसयू और जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने इसका विरोध किया।
रेक्टर चिंतामणि महापात्र ने कहा कि जेएनयू में पहले ही छात्रों और प्रशासनिक स्टाफ के लिए उपस्थिति नियम लागू है, वहीं काउंसिल की 146वीं मीटिंग में अध्यापकों के लिए इसे अनिवार्य बनाने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि उपस्थिति बायोमीट्रिक फॉर्म में दर्ज होंगी।
टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सोनाझरिया मिंज ने आरोप लगाया कि यह मामला पहले एजेंडा में नहीं था। वाइस चांसलर ने ऐन मौके पर इसकी घोषणा की थी। उन्होंने प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन करने पर भी सवाल उठाए।
पिछले दिनों छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य करने के मसले पर काफी विरोध हुआ था। अध्यापकों ने छात्रों के समर्थन में बाहर मैदान में क्लास शुरू कर दी थी।