जेएनयू हिंसा को लेकर सोमवार को छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने आरोप लगाया कि यह सुनियोजित हमला था। कल हुआ हमला आरएसएस और एबीवीपी के गुंडों द्वारा किया गया था। पिछले 4-5 दिनों में आरएसएस और एबीवीपी से संबंद्ध प्रोफेसरों द्वारा हिंसा को प्रमोट किया गया लेकिन इसका जबाव बहस और चर्चा द्वारा दिया जाएगा। जेएनयू की संस्कृति कभी भी नहीं मिटेगी। हमारी मांग है कि यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर को तुरंत हटाया जाए।
मीडिया से बातचीत में छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा कि इस सुनियोजित हमले के तहत बाहर निकाल-निकालकर मारा जा रहा था। जेएनयू सिक्योरिटी और हमलावरों के बीच साठ-गांठ थी, जिसकी वजह से उन्होंने हिंसा रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
नहीं मिटेगी जेएनयू की संस्कृति
उन्होंने कहा, 'जेएनयू हमारा दूसरा घर है। आरएसएस इसे हमसे दूर नहीं कर सकता है। छात्रों के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली हर लोहे की छड़ को लोकतांत्रिक बहस और चर्चा द्वारा वापस दिया जाएगा। जेएनयू की संस्कृति कभी भी नहीं मिटेगी। जेएनयू अपनी लोकतांत्रिक संस्कृति को बनाए रखेगा।'
छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने भी आरोप लगाया कि जब जरूरत थी, तब सुरक्षा मौजूद नहीं थी। दिल्ली पुलिस पहली कॉल के दो घंटे बाद पहुंची। उन्होंने कहा, 'हमने दो घंटे पुलिस को फोन किया लेकिन हमें मदद नहीं मिली।'
वाइस चांसलर को हटाने की मांग
इसके अलावा जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने मांग की कि वाइस चांसलर या तो अपना इस्तीफा सौंप दें या मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा हटा दिया जाए।
बता दें कि दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार शाम को कई नकाबपोशों ने लाठी-डंडों के साथ कैंपस में हमला किया, इसमें 30 से ज्यादा छात्र घायल हो गए। इसमें छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष को काफी चोटें आई। दिल्ली पुलिस ने अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है और एफआईआर दर्ज कर ली गई है। देश के कई हिस्सों में जेएनयू के समर्थन में प्रदर्शन चल रहा है।