केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। इस बीच, किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम का ऐलान किया है।
भारतीय किसान यूनियन (आर) के नेता बलबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम छह फरवरी को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक रोड ब्लॉक करेंगे। प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट बैन, बजट में किसानों को नजरअंदाज किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर हम चक्का जाम करेंगे। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट 2021-22 में किसानों की ‘अनदेखी’ की गई है, और उनके विरोध स्थलों पर पानी और बिजली की आपूर्ति को बंद कर दिया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन दो महीने से अधिक समय से चल रहा है। आंदोलनकारी किसान तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार तीनों कानून में संशोधन के लिए तैयार है लेकिन वापसी को लेकर ना कह चुकी है। सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की बैठकें हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ही सर्वदलीय बैठक में कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को उनकी सरकार की ओर से दिया गया प्रस्ताव ‘‘अब भी बरकरार’’ है और बातचीत में सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी है।.
संयुक्त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी में कई जगहों पर हिंसा हुए।. इस दौरान काफी पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों में कुछ लोगों ने लालकिले की प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा फहरा दिया था। मामले में दिल्ली पुलिस ने प्रमुख किसान नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि हिंसा की घटना से संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को अलग कर लिया है।