कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि 26 जुलाई को एकल जज के फैसले के खिलाफ केजरीवाल और आप नेता आशुतोष की ओर से दायर याचिका ‘गलत है
और अमान्य है। ’
पीठ ने कहा कि इसलिए याचिका खारिज की जाती है। उन्हें (आप नेताओं को) इसे दायर ही नहीं करना चाहिए था। हाइकोर्ट ने कहा कि मुकदमे में तेजी से सुनवाई समय की मांग है और ऐसा सभी मुकदमों में होना चाहिए। पीठ ने कहा कि एक जज के निर्देश के खिलाफ दायर याचिका अयोग्य और सुनवाई में देरी के मकसद से दायर की गई थी। कोर्ट ने यह भी संज्ञान लिया कि आप नेता ने खुद भी माना है कि वकील राम जेठमलानी ने बहस के दौरान अशोभनीय टिप्पणियां की। कोर्ट ने 25 अगस्त को भी दिल्ली के मुख्यमंत्री की, एकल जज के फैसले पर सवाल उठाने पर खिंचाई की थी। केजरीवाल के अलावा इस मामले में अन्य पांच आरोपी राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी हैं। इन सभी ने जेटली पर दिल्ली एेंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के अध्यक्ष (2000 से 2013 तक) रहने के दौरान भ्रष्टाचार में श्ाामिल होने के आरोप लगाए थे। जेटली ने इन सभी आरोपों से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि ये सभी आरोप झूठे और मानहानि करने वाले हैं। (एजेंसी)