पंचकूला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और 4 अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। कोर्ट ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये और बाकी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले 12 अक्टूबर को कोर्ट ने डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में इन भी को दोषी ठहराया था। सजा पाने वालों में गुरमीत रहीम रहीम के अलावा कृष्ण लाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल हैं।
पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की 2002 में एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध भूमिका के चलते उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस पत्र में बताया गया था कि डेरा प्रमुख डेरा मुख्यालय में किस प्रकार महिलाओं का यौन शोषण करता है। रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा में मैनेजर थे। एक रेप की घटना के बाद उन्होंने डेरा सच्चा सौदा छोड़ दिया था।
सीबीआई के मुताबिक, डेरा प्रमुख राम रहीम का मानना था कि इस अज्ञात पत्र को प्रसारित करने के पीछे रणजीत सिंह था और उसने उसकी हत्या की साजिश रची। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। 2002 में हुई इस हत्या का केस तब से पेडिंग था। अब 19 साल बाद इस पर फैसला आया है।
फिलङाल गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। उन्हें 2017 में दो अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के जुर्म में 20 साल जेल की सजा सुनायी गयी थी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के के मामले में भी उन्हें उम्रक़ैद की सजा हो चुकी है। यह सीबीआई का तीसरा मामला है जिसमें राम रहीम को सज़ा सुनाई गई है। उनके खिलाफ एक और मामला जिसमें अभी फैसला नहीं आया है।