दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में सरकार के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे थे उस सिलसिले में एक एफ़आईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने ये साफ किया है कि इस एफ़आईआर में पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग का नाम नहीं है। पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के दौरान टूलकिट मिला है। टूलकिट के लेखक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें किसी का नाम नहीं है, ये केवल टूलकिट को बनाने वालों के खिलाफ है, जो जांच का विषय है।
वहीं, ग्रेटा ने ट्वीट किया, ''मैं अभी भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती हूं। नफरत, धमकी या मानवाधिकारों के उल्लंघन की किसी भी कोशिश से यह नहीं बदलेगा।'' बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग ने मंगलवार को एक खबर का लिंक साझा करते हुए कहा था, ‘‘ हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं।.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जिन लोगों को मदद चाहिए उनके लिए टूलकिट (सॉफ्टवेयर) साझा किया है।’
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली पुलिस के वके विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा कि दिल्ली के तीनों बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया को मॉनिटर कर रही है। लगभग 300 सोशल मीडिया हैंडल पाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल घृणित और निंदनीय कंटेंट फैलाने के लिए किया जा रहा है। कि इनका इस्तेमाल कुछ वेस्टर्न इंटरेस्ट ऑर्गनाइजेशनों द्वारा किया जा रहा है, जो किसान आंदोलन के नाम पर भारत सरकार के खिलाफ गलत प्रचार कर रप्रचार कर रहे हैं।
प्रवीर रंजन ने कहा कि सोशल मीडिया की निगरानी के दौरान पुलिस को एक अकाउंट के जरिए एक दस्तावेज मिला है जो एक टूलकिट है जिसमें 'प्रायर एक्शन प्लान' नाम का एक सेक्शन है। इसमें किसान आंदोलन के दौरान क्या करना है ये कहा गया है। दिल्ली पुलिस उस मामले की जांच करेगी।
बता दें कि गुरुवार शाम को सूचना मिली थी कि ग्रेटा थनबर्ग के भड़काऊ ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। उस समय ग्रेटा के खिलाफ धारा- 153 ए, 120 के तहत एफआईआर दर्ज करने की जानकारी सामने आई थी। दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग पर एफआईआर दर्ज करने से इनकार किया है।