पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बीच भारत और चीन के बीच करीब ढाई महीने बाद शुक्रवार को सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्युएमसीसी) की बैठक हुई। दोनों देश एक बार फिर राजनयिक और नौवें दौर की सैन्य-स्तरीय वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। साथ ही दोनों देशों ने एलएसी पर टकराव वाले सभी बिंदुओं से जल्द से जल्द सैनिकों की पूरी तरह वापसी तथा समीक्षा पर सहमति जताई है।
वर्चुअल मीटिंग के दौरान दोनों पक्षों ने मॉस्कों में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बने पांच सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा हुई। मीटिंग के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के सीनियर नेताओं की तरफ दी गई दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि अगले (नौवें) दौर के वरिष्ठ कमांडरों की बैठक जल्द ही किसी तारीख पर होनी चाहिए ताकि दोनों पक्ष वर्तमान समझौतों एवं प्रोटोकाल के अनुरूप एलएसी पर सैनिकों के पूर्ण रूप से पीछे हटाने और शांति स्थापित करने की दिशा में काम कर सकें।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी पर टकराव वाले सभी बिंदुओं से जल्द से जल्द सैनिकों की पूरी तरह वापसी की दिशा में काम करते रहने की सहमति बनी। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा, दोनों पक्षों ने इस बात का संज्ञान लिया कि सैन्य वार्ता के सातवें और आठवें दौर से स्थिरता लाने में मदद मिली है। बैठक में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) कर रहे थे जबकि चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व चीन के विदेश मंत्रालय के सीमा एवं समुद्र मामलों के विभाग के महासचिव कर रहे थे।
बता दें कि इससे पहले डब्ल्यूएमसीसी की बैठक 30 सितंबर को हुई थी और यह 2012 में बने कार्यतंत्र के बाद 19वीं बैठक थी। लेकिन, इस बातचीत में विवाद पर आगे कोई बातचीत नहीं बन पाई थी। भारत और चीन के बीच करीब आठ महीने से गतिरोध बना हुआ है। इस साल पहली बार 5 मई को भारत और चीनी सेना के बीच झड़प हुई थी। उसके बाद से लगातार लद्दाख में भारी तनाव की स्थिति बरकरार है।