देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में एम्स में निधन हो गया। एम्स ने बुलेटिन जारी कर बताया कि शाम 5 बजकर 5 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। वहीं, शुक्रवार को दिल्ली सरकार के सभी सरकारी स्कूल, दफ्तर बंद रहेंगे।
शुक्रवार शाम 4 बजे होगा अंतिम संस्कार
अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनके आवास पर रात साढ़े नौ बजे से अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। आज सुबह शुक्रवार को साढ़े सात से साढ़े आठ बजे के बीच यहीं पर अंतिम दर्शन होंगे। इसके बाद अटल जी के पार्थिव शरीर को 9 बजे भाजपा मुख्यालय (6A दीनदयाल उपाध्याय मार्ग) लाया जाएगा। दोपहर 1 बजे से अटल जी की अंतिम यात्रा शुरू होगी। शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर तमाम हस्तियों ने जताया शोक
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत क्रिकेट, सिनेमा, राजनीति की कई हस्तियों ने गहरा दुख जताया है। राष्ट्रपति ने कहा कि अटलजी महामानव थे और हर किसी को उनकी कमी खलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका जाना एक युग का अंत है। उन्होंने कहा, ‘मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था।‘
उन्होंने कहा कि अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे।
मोदी ने कहा कि लेकिन वो हमें कहकर गए हैं, ‘मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?’
देश ने महान सपूत को खो दियाः राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अटल जी देश के महान सपूत थे। लाखों लोग उन्हें सम्मान देते थे। उन्होंने कहा कि हम उनकी कमी महसूस करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है। वह एक उत्कृष्ट वक्ता, प्रभावशाली कवि, एक असाधारण राजनेता, उत्कृष्ट संसद और एक महान प्रधान मंत्री थे।
आधुनिक काल के अजातशत्रु थे अटल जीः वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सच्चे भारतीय थे। वह दिल की बात कहने में कभी हिचकते नहीं थे। वह आधुनिक काल के अजातशत्रु थे क्योंकि उन्होंने सदा गरिमा और मर्यादा का पालन किया।
अहंकार से दूर थे अटल जीः मुलायम
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता ने कहा कि अटल जी का निधन देश के लिए बड़ी क्षति है। बहुत बड़े नेता होने के बाद भी वह बहुत ही सामान्य थे। उनमें थोड़ा सा भी अहंकार नहीं था। आज के नेताओं को उनसे बहुत कुछ सीखना चाहिए।
65 साल से मेरे सबसे नजदीकी मित्र थेः आडवाणी
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि अटल जी मेरे लिए वरिष्ठ सहयोगी ही नहीं थे वास्तव में 65 साल से अधिक समय से मेरे सबसे नजदीकी मित्र थे। मेरे पास अपनी पीड़ा का बयान करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं।
काल ने अटल जी को हम से छीन लियाः प्रणब मुखर्जी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि अटलजी जैसे महापुरुष के निधन से देश गरीब हो गया है। हालांकि वे काफी समय से बीमार थे लेकिन मुझे विश्वास नहीं था कि उनका निधन हो जाएगा। काल ने उन्हें हम से छीन लिया।
सभी को लेकर साथ चलने की क्षमता थी वाजपेयी के अंदरः सुमित्रा महाजन
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि अटल जी राजनीति के आकाश में वैसे सितारे की तरह थे जिसकी चमक दूसरों की तुलना में अधिक थी। उनके अंदर सभी को साथ लाने की अद्भुत क्षमता थी।
क्रिकेट जगत में शोक की लहर
अटल के निधन से क्रिकेट जगह में भी शोक की लहर फैल गई। बाजपेयी के निधन के बाद की दिग्गज क्रिकेटरों ने ट्विटर के जरिए अपनी संवेदना प्रकट की और पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर विरेंदर सहवाग ने ट्वीट किया, 'आसमान को छू गया, जो आसमान सा विशाल था, धरती में सिमट गया जो मिट्टी जैसा नर्म था। कौन है जो अटल रह पाया जिंदगी भर, अटल बनके वो जिंदगी को पा गया।'
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने अपने ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा शोक जताया। उन्होंने लिखा कि भारत ने एक महान पथ प्रदर्शक को खो दिया। देश के लिए उनके किए गए कार्य को कभी नहीं भूला जा सकता।
भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन ने ट्वीट किया और कहा कि भारत ने अपने सबसे प्रिय व बेहतरीन नेता को खो दिया।
11 जून से अस्पताल में भर्ती थे अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी को किडनी की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले 48 घंटों में उनके स्वास्थ्य में गंभीर गिरावट आई। यहां एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी। 16 अगस्त को शाम साढ़े पांच बजे के करीब एम्स की तरफ से बुलेटिन जारी कर इस बात की सूचना दी गई कि अटल जी इस दुनिया में नहीं रहे।
भाजपा ने रद्द किया अपना कार्यक्रम
भारतीय जनता पार्टी ने अटल बिहारी वाजपेयी की हालत को देखते हुए देशभर में अपने आज के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। 18-19 अगस्त को दिल्ली में होने वाली बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक टल गई। बीजेपी मुख्यालय से बैठक के लिए फूलों से सजावट की गई थी, जिसे हटा लिया गया।
2009 में भी अटल जी की तबीयत बिगड़ी, रखा गया था वेंटिलेटर पर
2009 में भी वाजपेयी की तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत के बाद कई दिन वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालांकि, बाद में वे ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद कहा गया कि वाजपेयी लकवे के शिकार हैं। इस वजह से वे किसी से बोलते नहीं थे। बाद में उन्हें स्मृति लोप हो गया। उन्होंने लोगों को पहचानना भी बंद कर दिया।
प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी ने तीन बार देश का नेतृत्व किया
अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार देश का नेतृत्व किया। वे पहली बार साल 1996 में 16 मई से 1 जून तक, 19 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999 तक और फिर 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।