उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा अपनी चिट्ठी के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो करोड़ दिल्ली वासियों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई और तत्काल कानून एवं व्यवस्था को ठीक करने की मांग को दोहराया है। पत्र में केजरीवाल ने लिखा, "एलजी की प्रतिक्रिया की सामग्री ने ठोस समाधानों की कमी और जिम्मेदारी को स्थानांतरित करने की प्रवृत्ति को प्रदर्शित किया।"
अरविंद केजरीवाल ने लिखा, "महोदय, दिल्ली के दो करोड़ लोगों की संपत्ति और उनकी ज़िंदगी की सुरक्षा के गंभीर मुद्दे को राजनीतीकरण का नाम देना बहुत आसान है, लेकिन आपके जवाब ने एक भी ऐसा समाधान नहीं सुझाया, जिससे दिल्ली के लोग इस बारे में आश्वस्त हो सकें कि कोई वाकई उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्क है।"
मुख्यमंत्री के अनुसार, यह भी हो सकता है कि उपराज्यपाल दिल्ली में नए हों और मैदानी हकीकत से पूरी तरह वाकिफ ना हों। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि, एक संवैधानिक पदाधिकारी, जिसकी पहली ड्यूटी कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना है, को इन बढ़ते अपराधों को हमेशा की तरह हल्के में नहीं लेना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने चुनी हुई सरकार के रास्ते में बढ़ाएं उत्पन्न करने, संवैधानिक अधिकारों और उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने के साथ लोगों की सुरक्षा को नज़र अंदाज़ करने के लिए उपराज्यपाल की आलोचना की। उन्होंने लिखा, "सरकार के कामों का श्रेय लेने की लालसा ने आपको आपके मुख्य काम से भटका दिया है, जो कि दिल्ली में कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखना है।"
2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में एलजी द्वारा दिए गए संदर्भ पर प्रतिक्रिया देते हुए, सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसके बाद हुए महत्वपूर्ण सार्वजनिक आक्रोश पर प्रकाश डाला और बताया कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ प्रभावी निवारक प्रदान करने के लिए आपराधिक कानूनों में सुधार किया गया। उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सरकार में संवेदनशीलता है कि वे अपराधों को रोकने के लिए नए नियम बनाएं।
दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी में अब कुछ ही सप्ताह शेष रह गए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने उस नकारात्मक धारणा पर जोर दिया जो तब पैदा होती है जब सुर्खियों में गंभीर अपराध की घटनाएं हावी होती हैं। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आजकल पुलिस चौकियों में श्रमशक्ति की कमी है, जिससे गश्त करने के साथ अन्य कामों में ढील आई है।
केजरीवाल के अनुसार, कई पुलिस स्टेशन अपनी स्वीकृत शक्ति के केवल 35% से 40% पर काम कर रहे हैं, जिससे कानून और व्यवस्था बनाए रखने की उनकी क्षमता गंभीर रूप से सीमित हो गई है। मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द इन सभी मुद्दों पर कोई कार्रवाई करने की मांग उठाई। उन्होंने लिखा, "समाधान दिल्ली पुलिस की जरूरतों को प्राथमिकता देने, उसकी ताकत बढ़ाने और दिल्ली को सुरक्षित बनाने के लिए निवासियों के साथ जुड़ाव सुनिश्चित करने में निहित है।"