जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के होटल में गत मई में एक स्थानीय युवती के साथ देखे जाने के बाद पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए मेजर लितुल गोगोई दंडात्मक कार्रवाई का सामना कर सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस घटना को लेकर सेना ने जिस कोर्ट आफ इंक्वायरी का आदेश दिया था वह उन्हें इस मामले में अभ्यारोपित कर सकती है। मेजर गोगोई गत वर्ष उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कश्मीर में कथित रूप से पत्थरबाजों से बचाव के लिए एक व्यक्ति को सेना की जीप के बोनट पर बांध दिया था। उन्होंने ऐसा नौ अप्रैल को श्रीनगर में लोकसभा उपचुनाव के दौरान किया था।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, कोर्ट आफ इंक्वायरी ने पाया कि मेजर गोगोई ने एक संघर्ष वाले क्षेत्र में एक स्थानीय महिला से मिलकर इस संबंध में सेना के नियम का उल्लंघन किया और उन्होंने ड्यूटी के स्थान से दूर रहकर मानक संचालक प्रक्रिया का उल्लंघन किया। सूत्रों ने कहा कि कोर्ट आफ इंक्वायरी के निष्कर्षों को श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जा रहा है जिसके बाद गोगोई के खिलाफ सेना कानून की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए जा सकते हैं।
23 मई को गोगोई को पुलिस ने श्रीनगर स्थित उस होटल में तकरार होने के बाद हिरासत में लिया था जहां पर वह कथित रूप से 18 वर्षीय महिला के साथ प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे। कुछ ही दिन बाद सेना ने उक्त घटना के संबंध में कोर्ट आफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया था। उससे पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पहलगाम में कहा था कि गोगोई यदि किसी अपराध के दोषी पाए गए तो उन्हें कड़ा दंड दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि सेना के अधिकारी आगे के कदम पर अंतिम निर्णय लेने से पहले मामले के कानूनी पहलुओं की जांच पड़ताल कर सकते हैं।