इस मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ती आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ती उदय यू ललित की पीठ ने इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई के लिए निर्धारित करते हुए इसमें सालिसीटर जनरल की मदद मांगी है।
पीटीआई के मुताबिक, कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोटर्यिम की याचिका पर आठ मई को विजय माल्या को अवमानना का दोषी ठहराया था क्योंकि वह भारत और विदेशों में अपनी सारी संपति का विवरण पेश करने में असफल रहे थे। कोर्ट ने माल्या को व्यक्तिगत रूप से आज उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था ताकि अवमानना के जुर्म में उसे दी जाने वाली सजा पर बहस हो सके लेकिन इस बार भी वह हाजिर नहीं हुआ।
गौरतलब है कि कोर्ट की अवमानना के अपराध में अधिकतम छह महीने की कैद और दो हजार रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है। भारत ने हाल ही में ब्रिटेन से माल्या का प्रत्यर्पण यथाशीघ्र सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। माल्या उसकी बंद हो चुकी विमान कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित नौ हजार करोड़ रूपए से अधिक की रकम की कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले में आरोपी है।
बैंकों के कंसोटर्यिम ने न्यायालय में आरोप लगाया था कि ब्रिटिश फर्म दियागो से माल्या को मिले 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर न्यायिक आदेशों का उल्लंघन करके अपने बच्चों के नाम हस्तांतरित कर दिए थे। बैंकों का यह भी आरोप था कि माल्या ने जानबूझ कर 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त होने सहित अपनी सारी संपति का विवरण न्यायालय को नहीं दिया था।