पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 3 दिनों के अंदर बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या को लेकर सियासत गरम है। पुलिस ने दूसरे कार्यकर्ता दुलाल कुमार की मौत को आत्महत्या करार दिया है। दुलाल का शव टॉवर से लटका मिला था। भाजपा ने दोनों कार्यकर्ताओं की मौत के लिए सूबे की टीएमसी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दुलाल के परिवार वालों ने भी टीएमसी पर आरोप लगाया है।
पीटीआई के मुताबिक, पुरुलिया के नवनियुक्त एसपी आकाश मघारिया ने कहा, 'यहां बिजली के एक टॉवर से लटका हुआ जिस व्यक्ति का शव बरामद हुआ था, उसने आत्महत्या की थी।' एसपी ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया है। वहीं, बीजेपी द्वारा किए गए 12 घंटे के बंद के आह्वान के बाद जिले में जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित रहा। पार्टी का दावा है कि मृतक उसका कार्यकर्ता था। बीजेपी ने यह आरोप भी लगाया है कि दुलाल कुमार की मौत एक राजनीतिक हत्या है।
इस घटना से ठीक पहले एक अन्य व्यक्ति का शव बलरामपुर जिले में 30 मई को एक पेड़ से लटका मिला था। बीजेपी ने त्रिलोचन महतो (20) नाम के इस व्यक्ति को पार्टी की युवा शाखा का सदस्य बताया था। राज्य सरकार ने महतो की मौत की सीआईडी जांच का आदेश दिया था। बीजेपी ने इन घटनाओं को राजनीतिक हत्या बताते हुए इनकी सीबीआई जांच की मांग की।
आकाश मघारिया ने कहा कि पांच डॉक्टरों की एक टीम ने कुमार के शव का पोस्टमॉर्टम किया है। इसके मुताबिक, यह दम घुटने से हुई मौत का मामला है। राज्य की ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार ने लगातार दो घटनाएं होने के बाद जॉय बिश्वास को जिले के पुलिस अधीक्षक पद से हटा कर मघारिया को नियुक्त किया।
इस बीच, बीजेपी समर्थकों ने जिले में कई स्थानों पर राजमार्गों की नाकेबंदी की। बलरामपुर में ही ये दोनों घटनाएं हुई थी। वहां सन्नाटा पसरा रहा। स्थानीय लोग अपने-अपने घरों के अंदर ही रहे। जिले के अन्य हिस्सों में भी ऐसा ही नजारा था, जहां सार्वजनिक एवं निजी वाहन सड़कों पर नहीं दिखे और दुकानें तथा बाजार बंद रहे। बंद सुबह छह बजे शुरू हुआ। पुरूलिया के जिलाधिकारी आलोकेश प्रसाद रॉय ने बताया कि जिले में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।