प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा काफिले में शामिल हुई नई कार मर्सिडीज मेबैक की कीमत और अन्य डिटेल्स पर अटकलों के बीच, सरकारी सूत्रों ने बुधवार को कहा कि नई कारें अपग्रेड नहीं की गई हैं, बल्कि इन्हें रूटीन के तहत रिप्लेस किया गया है। क्योंकि बीएमडब्ल्यू ने पीएम द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मॉडल को बनाना बंद कर दिया है।
पीटीआई के हवाले से एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, "मीडिया की अटकलों की तुलना में नई कार की कीमत काफी कम है। दरअसल यह मीडिया में बताई जा रही कीमत का लगभग एक तिहाई है।" मीडिया के एक वर्ग में मेबैक कार की कीमत 12 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एसपीजी के सुरक्षा नियमों के तहत सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों को बदलने के लिए छह साल का मानक तय है। और पीएम मोदी के लिए पिछली कारों का इस्तेमाल आठ साल तक किया गया था। ऑडिट होने पर इस पर आपत्ति हुई और यह टिप्पणी की गई कि सुरक्षा हासिल किए जाने वाले के जीवन से समझौता किया जा रहा है।
सूत्र ने बताया, "सुरक्षा विवरण खरीद से संबंधित फैसले सुरक्षा किए जा रहे व्यक्ति की सुरक्षा खतरे की आशंका पर आधारित होते हैं। इन फैसलों को सुरक्षा हासिल करने वाले व्यक्ति के विचारों से इतर, एसपीजी द्वारा स्वतंत्र रूप से लिया जाता है। संरक्षित व्यक्ति की कार की सुरक्षा फीचर्स पर व्यापक चर्चा राष्ट्रीय हित में नहीं है क्योंकि यह सार्वजनिक जीवन में बहुत सारे गैर-जरूरी डिटेल्स पहुंचाता है। इससे सुरक्षा हासिल करने वाले के जीवन को खतरा पहुंच सकता है।"
अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि पीएम मोदी ने नई कार खरीदने में अपनी कोई पसंद नहीं बताई। अधिकारियों ने इस संदर्भ में जिक्र किया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अतीत में रेंज रोवर्स का इस्तेमाल किया था जो वास्तव में तत्कालीन प्रधानमंत्री के लिए खरीदे गए थे। बीएमडब्ल्यू की कारें उन कारों में से हैं जिनका इस्तेमाल प्रधानमंत्री द्वारा वर्षों से किया जाता रहा है।