एमजे अकबर के मानहानि के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 8 मार्च की तारीख तय की है। यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद एमजे अकबर ने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। रमानी के खिलाफ उन्होंने मानहानि का केस दायर कर रखा है। कोर्ट ने महिला पत्रकार को बतौर आरोपी तलब किया था।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने 29 जनवरी को पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी को बतौर आरोपी समन भेजा था और कहा था कि आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें 25 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होना होगा।
एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पिछले साल पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी। उन्होंने मानहानि से जुड़ी आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत प्रिया पर कार्रवाई की मांग की है। इसमें दोषी को दो साल तक की सजा का प्रावधान है।
इन आरोपों से न केवल बदनामी हुई बल्कि राजनीतिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची
शिकायत में कहा गा था कि यौन शोषण के आरोपों से न केवल अकबर की बदनामी हुई है, बल्कि वर्षों की मेहनत से स्थापित सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है।
पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद पूर्व उन्होंने यह मामला दायर किया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने अकबर की याचिका पर प्रिया रमानी को समन जारी किया। अकबर ने पिछले साल 17 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था।
प्रिया रमानी ने क्या कहा
प्रिया रमानी ने ट्विटर पर अपना बयान पोस्ट कर कहा कि कई महिलाओं ने अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी को जोखिम में डालकर अकबर के खिलाफ आवाज उठाई है। प्रिया ने कहा कि मानहानि के आरोपों के खिलाफ लड़ने के लिए वह तैयार हैं, क्योंकि सच और सिर्फ सच ही उनका इकलौता बचाव है।
प्रिया का कहना है कि उनके आरोपों को राजनीतिक साजिश से जोड़ना दुखद है। लेकिन मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर कर उन्होंने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया। वह डराकर और प्रताड़ित करके महिलाओं को चुप करवाना चाहते हैं।
प्रिया रमानी ने अकबर के खिलाफ लगाया था ये आरोप
भारत में ‘मी टू' अभियान के जोर पकड़ने पर सोशल मीडिया पर अकबर के खिलाफ आरोप लगाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रमानी के खिलाफ निजी आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी। रमानी ने आरोप लगाया था कि अकबर ने तकरीबन 20 साल पहले उनका यौन उत्पीड़न किया था। इन आरोपों का अकबर ने खंडन किया था।
अकबर के इस्तीफे के बाद प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा था- हम सही साबित हो रहे हैं। अब उस दिन का इंतजार है, जब हमें अदालत में न्याय मिलेगा। अकबर ने 97 वकीलों को हायर किया है, इनमें से 6 पैरवी करेंगे।
अकबर पर 12 महिलाओं ने लगाए थे यौन शोषण के आरोप
प्रिया रमानी के बाद गजाला वहाब, शुमा राहा, अंजू भारती और शुतापा पॉल सहित करीब 12 महिलाओं ने सोशल मीडिया के जरिए एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इनमें से किसी ने भी अकबर के खिलाफ शिकायत नहीं की है।