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सीमा विवादः मिजोरम के सांसद वनलालवेना को धमकी पड़ी भारी, असम पुलिस ने 'भड़काऊ' टिप्पणियों के लिये किया तलब

असम-मिजोरम के बीच छिड़ा सीमा विवाद थमता नहीं दिख रहा है। असम पुलिस ने मिजोरम से राज्यसभा के इकलौते...
सीमा विवादः मिजोरम के सांसद वनलालवेना को धमकी पड़ी भारी, असम पुलिस ने 'भड़काऊ' टिप्पणियों के लिये किया तलब

असम-मिजोरम के बीच छिड़ा सीमा विवाद थमता नहीं दिख रहा है। असम पुलिस ने मिजोरम से राज्यसभा के इकलौते सदस्य के. वनलालवेना को अंतराज्यीय सीमा पर हुई हिंसा की ''साजिश'' में कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए एक अगस्त को बुलाया है। मिजोरम सांसद ने सीमा के पास उन्हें रोकने और उनपर अकारण हमले का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने असम पुलिस को जान से मारने की धमकी तक डे डाली थी। दोनों राज्यों की पुलिस फोर्स के बीच हुई हिंसा में असम पुलिस के छह जवान और एक नागरिक की मौत हो गई थी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिल्ली आई असम पुलिस सीआईडी की एक टीम वनलालवेना को ढूंढने उनके आवास और मिजोरम सदन गई, लेकिन वह वहां नहीं मिले। सूत्रों ने कहा कि माना जा रहा है कि वनलालवेना टीम से बच रहे हैं। सांसद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

मिजोरम के रेजिडेंट कमिश्नर ने असम पुलिस की जांच में शामिल होने के लिए वनलालवेना को दिए गए किसी भी नोटिस को प्राप्त करने से इनकार कर दिया, इसलिए सीआईडी टीम ने उनके आवास पर नोटिस चिपकाया है।

नोटिस में कहा गया है, ''पता चला है कि आपने घटना के संबंध में मीडिया में सिविल और पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाते हुए धमकी भरा बयान दिया है जो जांच का विषय है। इसलिए, तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आपसे पूछताछ की जानी है।'' मिजोरम के सांसद को असम के कछार जिले के ढोलई पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी के सामने एक अगस्त को सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा गया है।

असम पुलिस ने यह भी कहा कि वह सोमवार को सीमा पर हुई हिंसा को लेकर कथित रूप से ''भड़काऊ'' बयान देने के वाले वनलालवेना के खिलाफ ''कानूनी कार्रवाई'' भी कर सकती है। असम पुलिस ने इस हिंसा के पीछे साजिश बताई थी और यह भा कहा था कि मिजोरम सांसद का इसमें हाथ था। इसके बाद सांसद वनलालवेना ने सार्वजनिक तौर पर असम पुलिस को जान से मारने की धमकी दी थी।

संसद के बाहर के वनलालवेना ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था, '200 से ज्यादा पुलिसवाले हमारे क्षेत्र में घुसे और उन्होंने हमारे पुलिसकर्मियों को उनकी पोस्ट्स से पीछे धकेला। हमारे गोली चलाने से पहले उन्होंने फायरिंग के आदेश दिए। वे खुशनसीब थे कि हमने उन सबको मारा नहीं। अगर वे वापस आए तो हम उन सबको जान से मार डालेंगे।'

कछार जिले के इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में सोमवार सुबह शुरू हुई हिंसा में 45 लोग घायल हुए थे। हिंसा के बाद दोनों राज्यों ने एक दूसर पर आरोप लगाए थे। अशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा था।  गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को असम और मिजोरम दोनों के वरिष्ठ अधिकारियों से दो घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की और अर्धसैनिक बलों की पोस्टिंग बढ़ाने का फैसला किया।

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