डॉलर के मुकाबले रुपये में आती तेज गिरावट के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि चालू खाते का घाटा (कैड) कम करने और देश में विदेशी मुद्रा प्रवाह बढ़ाने के लिये जल्द ही कुछ और कदम उठाए जा सकते हैं।
पीटीआई के मुताबिक, जेटली ने कहा कि सरकार ने कैड को सीमित करने के लिये कुछ कदम पहले उठाए हैं तथा कुछ और कदम उठाए जाने की संभावना है। उन्होंने इस संबंध में सरकार द्वारा हाल में उठाए गए कुछ कदमों की जानकारी भी दी।
जेटली ने कहा कि सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिये बाजार उधारी के लक्ष्य में 70 हजार करोड़ रुपये की कमी की है। वहीं, पेट्रोलियम पदार्थेां का विपणन करने वाले तेल कंपनियों को विदेशों से एक साल में 10 अरब डॉलर तक जुटाने की अनुमति दे दी है।
चालू खाते के घाटे यानी कैड से तात्पर्य देश में आने वाली कुल विदेशी मुद्रा के मुकाबले देश से बाहर जाने वाली विदेशी मुद्रा की मात्रा अधिक होना है। इस अंतर को ही चालू खाते का घाटा कहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से देश के चालू खाते घाटे पर असर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हुई 85 डालर प्रति बैरल से ऊपर निकल गई हैं वहीं डालर के मुकाबले रुपया तेजी से गिरता हुआ 74 रुपये प्रति डालर के स्तर को छू गया है। इससे देश में विदेशी मुद्रा प्रवाह पर दबाव बढ़ गया है।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में चालू खाते का घाटा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.4% रहा जो 2017-18 की इसी तिमाही में 2.5% था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जून तिमाही में यह 15.8 अरब डॉलर रहा जबकि एक साल पहले 2017-18 की इसी तिमाही में यह 15 अरब डॉलर रहा था।