उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने बंगला खाली न करने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है।
अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह ने पिछले जून महीने में आवंटित किए गए बंगलों को खाली कर दिया था। इसलिए अब इस याचिका का कोई महत्व नहीं है। दोनों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब इस याचिका का निपटारा कर दिया जाए।
मुलायम सिंह ने बढ़ती उम्र और गिरती सेहत का दिया था हवाला
मुलायम सिंह यादव ने अपनी बढ़ती उम्र और गिरती सेहत का हवाला देते हुए कहा था उन्हें आवंटित बंगले को खाली करने से रोका जाए। अखिलेश ने अपनी सुरक्षा और बच्चों की पढ़ाई की दलील दी थी।
ये था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
गत माह 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले में रहने के हकदार नहीं है। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि एक बार मुख्यमंत्री अपना पद छोड़ दे तो वह आम आदमी के बराबर है। यूपी सरकार ने कानून में संशोधन कर जो नई व्यवस्था दी थी वो असंवैधानिक है।
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था राज्य का कानून
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार के उस कानून को रद्द कर दिया था जिसके तहत प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला देने का प्रावधान किया गया। इस कानून को रद्द किए जाने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह, और राजनाथ सिंह को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है।
कोर्ट के आदेश के बाद बंगला खाली कराने की कवायद में जुटी यूपी सरकार
कोर्ट के इस आदेश के बाद यूपी सरकार छह पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगला खाली कराने की कवायद में जुट गई है। याचिका में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने बंगला खाली करने के लिए दो-दो साल का वक्त मांगा है।
सीएम योगी की मुहर के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को भेजा गया था नोटिस
शीर्ष कोर्ट ने आदेश किया था कि इन सभी से सरकारी बंगले जल्द से जल्द खाली कराए जाएं। इसके लिए राज्य संपत्ति विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहर लगने के बाद ही सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस भेज दिया गया है।