मुंबई के एलफिन्स्टन रेलवे स्टेशन के ब्रिज हादसे के बाद अब सरकार ने सेना को यहां नए ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी दी है। सरकार द्वारा सेना को जिम्मेदारी सौंपने के बाद इसकी विपक्ष की ओर से आलोचना होनी शुरु हो गई है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण तथा रेलमंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में घोषणा की कि मुंबई के एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन के पास बने उस पुल के पुनर्निर्माण में भारतीय सेना मदद करेगी, इसके लिए डेडलाइन 31 जनवरी तय की गई है। इसी ब्रिज पर पिछले माह मची भगदड़ में 23 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
सरकार की घोषणा पर विरोध जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्विट किया, सेना का काम युद्ध के लिए ट्रेनिंग देना है ना कि सिविलियन काम करना। रक्षा शक्ति का सिविलियन कामों में उपयोग ना करें निर्मला सीतारमण जी।
The @adgpi job is to train for war, not to be used for civilian works @nsitharaman ji. Don’t divert defence resources to civilian jobs(1/2).
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 31, 2017
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विट कर लिखा है कि बेहद गंभीर परिस्थिति में सेना सबसे आखिरी विकल्प होता था, लेकिन अब लगता है कि स्पीड डायल में सेना का नंबर पहले स्थान पर आ गया है।
The army was to be a measure of last resort to be called upon in extreme emergency. Now it seems like it’s the 1st number on the speed dial. https://t.co/9e9hJOgDTY
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 31, 2017
वहीं, कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि ब्रिज बनाने के लिए आर्मी को बुलाना बीएमसी में शिवसेना और बीजेपी के करप्ट शासन को दिखाता है। उम्मीद है, आर्मी से सड़कों के गड्ढे भरने के लिए नहीं कहा जाएगा।
Calling Army to make a bridge in Mumbai underlines failure of Corrupt #ShivSenaBJP ruled #BMC.Hope army wl not b asked to fill potholes here https://t.co/BKj5nwoCBH
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) October 31, 2017
हालांकि शिवसेना ने भी राज्य सरकार के इस फैसले तंज कसा है। शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा है कि जुमले और ड्रामा बनाने में उनका (बीजेपी) कोई हाथ नहीं पकड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब समझे? जानते हैं कि वो ब्रिज नहीं बना पाएंगे।
Jumla aur drama banane mein unka(BJP) koi haath nahi pakad sakta: A Sawant,Shiv Sena on armed forces to help construct 3 FOBs #Elphinstone pic.twitter.com/FlnAp8irsJ
— ANI (@ANI) October 31, 2017
Jumla aur drama banane mein unka(BJP) koi haath nahi pakad sakta: A Sawant,Shiv Sena on armed forces to help construct 3 FOBs #Elphinstone pic.twitter.com/FlnAp8irsJ
— ANI (@ANI) October 31, 2017
मंगलवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जायजा लेने के लिए एलफिन्स्टन स्टेशन पहुंचे। बता दें कि यह ऐसा रेलवे स्टेशन है जो एलफिन्स्टन रोड और परेल रेलवे स्टेशन को जोड़ता है। यह स्टेशन वेस्टर्न लाइन पर पड़ता है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एलफिन्स्टन हादसे के बाद हमने आर्म्ड फोर्सेस और डिफेंस मिनिस्टर से मदद के लिए कहा था। वे 31 जनवरी के पहले 3 ब्रिज बनाने पर राजी हो गए हैं। वहीं, रेलमंत्री पीयूष गोयल बोले कि हमने हादसे के बाद लगातार रेलवे अधिकारियों के साथ मिलकर बैठकें की हैं। एलफिंस्टन, करी रोड और एक अन्य ब्रिज को सेना और रेलवे मिलकर बनाएंगे। वहीं, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं कि सेना ने हमेशा आपदा के समय ऐसे काम किए हैं, आर्मी इन कामों को जल्दी पूरा करती है।
कब हुआ था हादसा?
यह हादसा 29 सितंबर को हुआ था, जिसमें 23 लोग मारे गए थे। मरने वालों में 8 महिलाएं शामिल थीं। वेस्टर्न रेलवे के मुताबिक, लोग बारिश से बचने के लिए एफओबी पर जमा हो गए और अफवाह की वजह से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 35 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।