राष्ट्रीय राजधानी में हाल में संपन्न हुए नगर निगम चुनावों के बाद सदन की दूसरी बैठक मंगलवार को होगी, जिसमें दिल्ली के महापौर और उपमहापौर को चुना जाएगा।
महापौर और उपमहापौर का चुनाव नगर निगम चुनाव के बाद छह जनवरी को हुई सदन की पहली बैठक में किया जाना था, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के एक दूसरे से भिड़ जाने और हंगामा करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी थी, जिसके कारण महापौर और उपमहापौर का चुनाव नहीं हो सका था।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव चार दिसंबर को हुए थे और मतगणना सात दिसंबर को हुई थी। आप ने 134 वार्ड जीतकर एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया। भाजपा ने एमसीडी के 250 सदस्यीय सदन में 104 वार्ड में जबकि कांग्रेस ने नौ वार्ड में जीत दर्ज की।
महापौर पद के प्रत्याशियों में शैली ओबरॉय और आशु ठाकुर (आप) तथा रेखा गुप्ता (भाजपा) शामिल हैं। ओबरॉय आप की मुख्य दावेदार हैं।
उपमहापौर पद के प्रत्याशियों में आले मोहम्मद इकबाल और जलज कुमार (आप) तथा कमल बागड़ी (भाजपा) शामिल हैं। महापौर और उपमहापौर के अलावा एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों के भी 24 जनवरी को सदन की बैठक के दौरान निर्वाचित होने की संभावना है।
नवनिर्वाचित एमसीडी सदस्यों की पहली बैठक महापौर और उपमहापौर का चुनाव किए बगैर स्थगित हो गयी थी। आप पार्षदों ने पहले 10 मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाने के पीठासीन अधिकारी के फैसले का विरोध किया।
दिल्ली नगर निगम का गठन अप्रैल 1958 में हुआ था और उसके महापौर के पास 2012 तक प्रभावशाली शक्तियां थीं। वर्ष 2012 में निगम का तीन अलग-अलग नगर निगमों में विभाजन हुआ और प्रत्येक निगम का अपना महापौर बना ,लेकिन 2022 में केंद्र ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड), दक्षिण दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (64 वार्ड) का विलय कर दिया गया। हालांकि इसमें वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गयी। इस तरह, महापौर के चुनाव के बाद पूरी दिल्ली का 10 साल बाद एक महापौर होगा।
उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर जय प्रकाश ने कहा, ‘‘वक्त निकल रहा है और आप तथा भाजपा को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पार्षदों तथा नामित सदस्यों का शपथ ग्रहण तथा महापौर और उपमहापौर का चुनाव एक साथ हो।’’
उन्होंने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘महापौर का चुनाव सदन की पहली बैठक में ही हो जाता लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछली बार हंगामे के कारण ऐसा नहीं हो सका। मैं उम्मीद करता हूं कि कल यह प्रक्रिया सुचारू रूप से होगी।’’
भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों के लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि पूरे शहर को अब फिर से एक महापौर मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अरुणा आसफ अली दिल्ली की पहली महापौर थीं और 2012 तक एमसीडी का तीन अंगों में विभाजन होने से पहले रजनी अब्बी आखिरी महापौर थीं और 10 साल बाद फिर से एक महिला महापौर बनेगी, यह शहर के साथ ही उस व्यक्ति के लिए बड़े सौभाग्य की बात है जो दिल्ली की महापौर बनेंगी।’’