यूपी के मुजफ्फरनगर में एक शिक्षक द्वारा कथित तौर पर हिंदू छात्रों को एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने के लिए प्रोत्साहित करने का वीडियो कल वायरल होने के बाद, आरोपी शिक्षक तृप्ता त्यागी ने घटना में किसी भी सांप्रदायिक कोण से दृढ़ता से इनकार किया। इसके बजाय उसने दावा किया कि उसने कुछ छात्रों से उसे थप्पड़ मारने के लिए कहा क्योंकि लड़का अपना होमवर्क नहीं कर रहा था।
अपना बचाव करते हुए, त्यागी ने आरोप लगाया कि पूरी घटना को सांप्रदायिक घृणा के काल्पनिक लेंस के माध्यम से पेश करने के लिए जानबूझकर वीडियो को संपादित किया गया था। उन्होंने वीडियो में एक समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक शब्दों का जिक्र करते हुए कहा, "बच्चे का चचेरा भाई कक्षा में बैठा था। वीडियो उसके द्वारा रिकॉर्ड किया गया था जिसे बाद में विकृत कर दिया गया था।"
उन्होंने कहा, "बच्चे के माता-पिता पर उसके साथ सख्ती बरतने का दबाव था। मैं विकलांग हूं, इसलिए मैंने कुछ छात्रों से उसे थप्पड़ मारने को कहा ताकि वह अपना होमवर्क करना शुरू कर दे।" सुश्री त्यागी ने कहा कि यह एक "मामूली मुद्दा" था जिसे वीडियो क्लिप के वायरल होने के बाद बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था। उन्होंने कहा, "यह मेरा इरादा नहीं था। मैं अपनी गलती स्वीकार कर रही हूं, लेकिन इसे बेवजह एक बड़ा मुद्दा बना दिया गया।"
मुज़फ़्फ़रनगर के जिला मजिस्ट्रेट, अरविंद मल्लप्पा बंगारी के अनुसार, शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बंगारी ने कहा, "माता-पिता पहले शिकायत देने के लिए सहमत नहीं थे लेकिन आज सुबह उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दी और इसे दर्ज कर लिया गया है। मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" बंगारी ने कहा कि बच्चे और उसके माता-पिता को बाल कल्याण समिति द्वारा परामर्श दिया गया था।
लड़के के पिता, जिन्होंने कल स्कूल के खिलाफ आरोप लगाने से परहेज किया था, ने आज कहा, "मेरा बेटा 7 साल का है। बच्चे के पिता ने आज कहा यह घटना 24 अगस्त की है। टीचर ने छात्रों से मेरे बच्चे को बार-बार पिटवाया। मेरे बेटे को एक-दो घंटे तक प्रताड़ित किया गया। वह डरा हुआ है।'' इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। सभी पार्टियों के राजनेताओं ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे घृणा अपराध बताया।