अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सूरज पर अपना पहला मिशन 'पार्कर सोलर प्रोब' रवाना कर दिया है। एक गाड़ी के आकार का यह अंतरक्षियान सूरज की सतह के सबसे करीब 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा। इससे पहले किसी भी अंतरिक्षयान ने इतना ताप और इतनी रोशनी का सामना नहीं किया है। इस मिशन का उद्देश्य यह जानना है कि किस तरह ऊर्जा और गर्मी सूरज के चारों ओर घेरा बनाकर रखती है।
इससे पहले शनिवार को पार्कर सोलर प्रोब को लॉन्च करना था लेकिन तकनीकी खामी की वजह से लॉन्चिंग को टाल दिया था। केप केनेवरल स्थित प्रक्षेपण स्थल से डेल्टा-4 रॉकेट के जरिए इस यान को अंतरिक्ष रवाना किया गया। यह यान अगले 7 सालों में सूरज के 7 चक्कर लगाएगा। धरती और सूरज के बीच औसत दूरी 9 करोड़ 30 लाख मील है। यह मिशन सूरज के वायुमंडल जिसे कोरोना कहते हैं, का विस्तृत अध्ययन करेगा।
डेढ़ अरब डॉलर की लागत वाला मिशन
इस स्पेसक्राफ्ट को भेजने का उद्देश्य सूर्य के नजदीक के वातावरण, उसके स्वभाव और कार्यप्रणाली को समझना है। यह मिशन 7 साल तक सूरज के वातावरण को जानने की कोशिश करेगा। इस प्रॉजेक्ट पर नासा ने 103 अरब रुपये खर्च किए हैं। यह यान 9 फीट 10 इंच लंबा है और इसका वजन 612 किलोग्राम है।
इस यान को बेहद शक्तिशाली हीट शील्ड से सुरक्षित किया गया है ताकि यह सूरज के पास ताप को झेल सके और धरती की तुलना में 500 गुना ज्यादा रेडिएशन झेल सके। यह कार्बन शील्ड 11.43 सेंटी मीटर मोटी है। इस यान को रविवार को अमेरिका के समयानुसार तड़के 3 बजकर 31 मिनट पर लॉन्च किया गया।
अमेरिकी खगोलशास्त्री के नाम पर है यह मिशन
इस मिशन का नाम अमेरिकी सौर खगोलशास्त्री यूजीन नेवमैन पार्कर के नाम पर रखा गया है। पार्कर ने ही 1958 में पहली बार अनुमान लगाया था कि सौर हवाएं होती हैं। यह मिशन जब सूरज के सबसे करीब से गुजरेगा तो वहां का तापमान 2500 डिग्री सेल्सियस तक होगा। नासा के मुताबिक, अगर सबकुछ ठीक रहा तो यान के अंदर का तापमान 85 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। यह यान सूरज के वायुमंडल कोरोना से 24 बार गुजरेगा।
इस यान के साथ करीब 11 लाख लोगों के नाम भी सूरज तक पहुंचेंगे। इसी साल मार्च में नासा ने अपने ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने के लिए लोगों से नाम मंगाए थे। नासा ने बताया था कि मई तक करीब 11 लाख 37 हजार 202 नाम उन्हें मिले थे, जिन्हे मेमरी कार्ड के जरिए यान के साथ भेजा गया है।
सूरज के करीब जाने वाला पहला यान था हेलियोस 2
इससे पहले हेलियोस 2 यान सूरज के सबसे नजदीक से गुजरा था। साल 1976 में यह यान सूरज के करीब 4 करोड़ 30 किलोमीटर पास तक गया था।
#WATCH: NASA (National Aeronautics and Space Administration) launches #ParkerSolarProbe - its mission to send a satellite closer to the Sun - from Cape Canaveral, Florida in the US. (Source: NASA) pic.twitter.com/xjIBdZDC1Q
— ANI (@ANI) August 12, 2018