मेघालय की अवैध खदान में 13 दिसंबर से फंसे 15 मजदूरों में से एक मजदूर का शव आज नेवी गोताखोरों को मिल गया है। उसका शव 200 फीट की गरहाई से मिला है। बाकी मजदूरों के शवों को ढूंढ़ने की कोशिश जारी है। नौसेना के जवानों के एक दल ने मेघालय की पूर्वी जयंतिया हिल्स में एक कोयला खदान में एक खनिक का शव गुरुवार को बरामद कर लिया।
नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि मेघालय की ईस्ट जयंतिया हिल्स स्थित गैरकानूनी कोयला खदान में पिछले एक महीने से फंसे 15 मजदूरों में से एक का शव बरामद कर लिया गया है। शव को ‘रेट होल' खदान के मुहाने तक लाया गया। बाकी फंसे 14 मजदूरों की खोज में बचाव कार्य जारी है। अधिकारियों ने बताया कि खदान के भीतर शव दिखने के बाद नौसेना के गोताखोर इसे इसके मुहाने तक लाए।
राहत-बचाव कार्य अभी भी जारी है
अडिशनल डिप्टी कमिश्नर का कहना है कि नौसेना द्वारा संचालित आरओवी ने एक शव बरामद किया है। आज वो दोबारा इसका संचालन शुरू करेंगे। बचावकर्ताओं ने खदान से पानी निकालने की कोशिश की, इसके लिए हाई पावर वाले पंप का इस्तेमाल किया गया, लेकिन अधिक सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद नौसेना ने पानी के भीतर रिमोट से संचालित होने वाले वाहन का प्रयोग किया। करीब 200 बचावकर्ता इस काम में लगे हुए हैं, जिसमें नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के अलावा कोल इंडिया और किर्लोस्कर ब्रदर्स लि. के कर्मी शामिल हैं।
मजदूरों को निकालने के लिए कई एजेंसियां कर रही हैं काम
370 फुट गहरी अवैध खदान में एक नदी का पानी आ जाने के कारण 15 लोग 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं। उन लोगों को निकालने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं। मजदूरों को बचाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है।
एनजीटी ने राज्य सरकार पर लगाया 100 करोड़ रुपये का जुर्माना
एनजीटी ने राज्य में अवैध कोयला खनन को रोकने में नाकामयाब रहने के कारण मेघालय सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। खनन मामले में एमिकस क्यूरी के तौर पर अधिकरण की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति की एक रिपोर्ट एनजीटी अध्यक्ष ए.के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दो जनवरी को पेश की गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में ज्यादातर खदान बिना लीज या लाइसेंस के चल रही हैं। एनजीटी ने पूर्वोत्तर राज्य में अवैध खनन पर लगाम लगाने में ‘निष्क्रियता’ के लिए राज्य सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। अधिवक्ता ने कहा कि सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने यह स्वीकार किया कि बड़ी संख्या में खदान गैरकानूनी तरीके से चल रही हैं।
इस मामले में क्या बोला सुप्रीम कोर्ट
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह बचाव अभियान से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि यह बहुत गंभीर समस्या है और फंसे हुए 15 मजदूरों की जिंदगी और मौत का सवाल है। वहीं मेघालय सरकार ने जवाब में कहा, 'राज्य फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए कदम उठा रहा है। एनडीआरएफ के 72, नौसेना के 14 और कोल इंडिया के 14 जवान 14 दिसंबर से तैनात किए गए हैं। इसमें केंद्र सरकार भी उसकी मदद कर रही है।'
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि जो लोग अवैध खदान चला रहे थे उनके खिलाफ और जिन अधिकारियों ने अवैध खदान को इजाजत दी उनपर कार्रवाई हुई?
जस्टिस एके सीकरी के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा, 'अपने बचाव कार्य को जारी रखें। क्या होगा अगर उनमें से कुछ या सभी अभी भी जिंदा हुए तो? चमत्कार होते रहते हैं।'