सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। सीबीएसई की नई गाइडलाइन्स के अनुसार हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन विषय को 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। यानी अब 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक स्पोर्ट्स की क्लास भी होगी।
सीबीएसई ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए स्कूलों में हर दिन खेल का एक पीरियड इसलिए अनिवार्य कर दिया है ताकि छात्रों की बैठे रहने की आदत में बदलाव आए और उनकी शारीरिक सक्रियता बनी रहें।
सीबीएसई ने इसके लिए एक 150 पेज का मेनुअल जारी किया है, जिसमें फिजिकल एजुकेशन एक्टिविटी से जुड़ी एक्टिविटीज की लिस्ट दी गई है और छात्र अपनी रुचि के अनुसार इसमें से किसी भी एक्टिविटी का चुनाव कर सकते हैं। अनिवार्य विषय बनने के बाद छात्रों को हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन दोनों में पास होना जरूरी होगा।
क्वालिफाइंग विषयों की श्रेणी में फिजिकल एजुकेशन
पीटीआई के मुताबिक, नए नियमों के तहत छात्रों को हेल्थ क्लास के साथ फिजिकल एजुकेशन की क्लास में उपस्थित होना अनिवार्य होगा। क्योंकि सीबीएसई ने इन दोनों विषयों को अब क्वालिफाइंग विषयों की श्रेणी में डाल दिया है। इन दोनों विषयों के लिए छात्रों को ग्रेड भी दिए जाएंगे।
बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए अनिवार्य
इन दोनों विषयों की कक्षाओं को अटेंड करने वाले छात्र ही बोर्ड परीक्षाओं के लिए क्वालिफाई कर पाएंगे यानी हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र ही बोर्ड की परीक्षा में बैठने के लिए क्वालिफाई माने जाएंगे। हालांकि इन दोनों विषयों के नंबर बोर्ड परीक्षा के फाइनल रिजल्ट में शामिल नहीं किए जाएंगे। फिजिकल एजुकेशन को 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए वैकल्पिक रखा गया है।
मानसिक-शारीरिक विकास के लिए जरूरी
सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन की क्लास में किस तरह की एक्टिविटी कराई जाए यह स्कूल तय कर सकता है। छात्रों की क्षमता और रुचि को देखते हुए उन्हें एक्टिविटीज में शामिल किया जाएगा और उसी के आधार पर उन्हें ग्रेड भी दिया जाएगा। छात्रों की ग्रेडिंग सीबीएसई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्रों का मानसिक और शारीरिक दोनों विकास जरूरी है। इसलिए हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन विषयों को अनिवार्य कर दिया गया है।
दोनों विषयों के लिए टाइम टेबल बनाने के निर्देश
अपनी नई गाइडलाइन्स जारी करने के साथ ही बोर्ड ने सभी स्कूलों को इन दोनों विषयों के लिए टाइम टेबल बनाने और पीरियड तय करने का निर्देश दिया है।