दिल्ली के साथ एनसीआर में डेंगू व चिकनगुनिया ने जबरदस्त कहर बरपाया था। पिछले साल अकेले दिल्ली में दस हजार से ज्यादा मामले आए थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट व एनजीटी ने दिल्ली सरकार व निकायों को फटकार लगाई थी। पिछले साल राजधानी के सरकारी व निजी अस्पतालों में चिकनगुनिया के मरीजों की लंबी कतार लगी थी। पिछले कुछ सालों में दिल्ली में डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है।
डेंगू व चिकनगुनिया को लेकर निगम चुनावों के दौरान राजनीति भई जमकर हुई। आप ने इसे चुनावी एजेंडे में शामिल करते हुए कहा था कि अगर बाकी दल को जिताया तो डेंगू व चिकनगुनिया का लोगों को सामना करना पड़ेगा तो कांग्रेस व भाजपा ने उनके बयान की निंदा करते हुए कहा कि क्या केजरीवाल लोगों में इस बीमारी का डर पैदा कर रहे हैं। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस बीमारी से निदान के लिए दिल्ली में चार माह में कूड़ा मुक्त दिल्ली बनाने तथा दवाओं के छिड़काव कराने को कहा है ताकि बीमारियों पर रोक लग सके।