न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एनजीटी ने गंगा की स्वच्छता को लेकर यह फैसला लिया है जिसके तह्त हरिद्वार और उन्नाव के बीच गंगा किनारे के 100 मीटर के दायरे को 'नो डेवलपमेंट ज़ोन' घोषित किया गया है। इसके अलावा एनजीटी ने कहा है कि गंगा से 500 मीटर के दायरे में किसी तरह का कूड़ा फेंकना दंडनीय अपराध होगा।
साथ ही, एनजीटी ने कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने और कूड़ा फेंकने वाले दोषियों पर 50 हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
एनजीटी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को गंगा और उसकी सहायक नदियों के घाटों पर धार्मिक क्रियाकलापों के लिए दिशानिर्देश बनाने के लिए कहा। साथ ही, उत्तर प्रदेश को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए चमड़े के कारखानों को जाजमऊ से उन्नाव अथवा किसी भी अन्य स्थान जिसे राज्य उचित समझता हो, वहां छह सप्ताह के भीतर स्थानांतरित करने के लिए कहा है।
NGT declares 100 metres from edge of the river Ganga as 'no-development zone' in the stretch between Haridwar to Unnao
— ANI (@ANI_news) July 13, 2017
NGT also directs authorities to impose a penalty of Rs 50,000 on people dumping waste in river Ganga,within the stretch of Haridwar to Unnao
— ANI (@ANI_news) July 13, 2017