टेरर फंडिंग के केस में प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक पर कोर्ट आज सजा सुनाएगा। फिलहाल, यासीन पर एनआईए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बताया जा रहा है कि एनआईए की ओर से यासीन मलिक को मौत की सजा देने की मांग की जा रही है। वहीं, बचाव पक्ष की ओर से उम्रकैद की मांग की जा रही है। इससे पहले यासीन मलिक को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। यासीन पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के साथ-साथ देशद्रोह के मामले दर्ज हैं। बता दें कि मलिक कश्मीरी अलगाववादी नेता है।
कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पहले ही अदालत ने दोषी करार दे दिया था। मलिक को कम से कम उम्रकैद और अधिकतम सजा-ए-मौत हो सकती है। इसके अलावा अदालत जुर्माना भी लगा सकती है। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों में दोषी ठहराया था।
यासीन मलिक पर ये हैं आरोप
कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर यूएपीए की धारा के तहत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से लेकर उन गतिविधियों के लिए धन जुटाने का आरोप लगा है। उसपर आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने का आरोप लगा है। इसके अलावा यासीन मलिक पर भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश, देशद्रोह समेत हिंसा के कई मामले में आरोप दर्ज है, जिनपर फांसी या उम्रकैद की सजा होती है।
मलिक के अलावा इन पर भी तय किए गए आरोप
अदालत ने पूर्व में, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद युसूफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख तथा नवल किशोर कपूर समेत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप औपचारिक रूप से तय किए थे।
 
                                                 
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    