Advertisement

निर्भया मामले में नया डेथ वारंट जारी करने से पटियाला हाउस कोर्ट ने किया इनकार

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया मामले में दोषियों की फांसी की नई तारीख के लिए नया डेथ वारंट...
निर्भया मामले में नया डेथ वारंट जारी करने से पटियाला हाउस कोर्ट ने किया इनकार

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया मामले में दोषियों की फांसी की नई तारीख के लिए नया डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने जेल प्रशासन की अर्जी खारिज कोर्ट ने कहा कि जब कानून दोषियों को जिंदा रहने की इजाजत देता है तो उन्हें फांसी देना पाप होगा। हाई कोर्ट ने भी न्याय के हित में दोषियों को कानूनी विकल्प के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

जज ने कहा, "डेथ वारंट को केवल आरोपों और अनुमानों के आधार पर अंजाम नहीं दिया जा सकता। याचिका मेरिट पर नहीं ठहरती है जिसे खारिज किया जाता है। राज्य जब चाहे, उचित आवेदन देने के लिए स्वतंत्र है।" बता दें कि निर्भया के तीन दोषियों के कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचा था तथा नया डेथ वारंट जारी करने का अनुरोध किया था। जेल प्रशासन की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषियों समेत सभी संबंधित पक्षों से जबाव मांगा था। 

सुप्रीम कोर्ट 11 फरवरी को करेगा सुनवाई

वहीं, मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर 11 फरवरी को सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट ने चार दोषियों की फांसी पर रोक लगाने के खिलाफ दायर केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया गया था। जस्टिस आर भानुमति की पीठ ने सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया कि केंद्र की याचिका पर चारों दोषियों को नोटिस जारी किया जाए।

पीठ ने कहा कि वह 11 फरवरी को उनको सुनेगी और विचार करेगी कि दोषियों को नोटिस जारी करने की जरूरत है या नहीं। पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए एस बोपन्ना भी शामिल थे। सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि मामले में राष्ट्र के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है और पीठ को इस मुद्दे पर कानून बनाना होगा।

ट्रायल कोर्ट ने डेथ वारंट पर लगा दी थी रोक

ट्रायल कोर्ट ने मामले में चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) की फांसी पर अगले आदेशों तक 31 जनवरी को रोक लगा दी थी। इस पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने फिर से याचिका दायर कर नई तारीख की मांग की थी। तिहाड़ जेल की ओर से कहा गया कि राष्ट्रपति पहले ही तीन दोषियों की दया याचिकाओं को खारिज कर चुके है और इस समय चारों में से किसी का भी आवेदन किसी भी कोर्ट के समक्ष लंबित नहीं है। पवन ने अब तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है। पवन के पास दया याचिका दाखिल करने का भी विकल्प है।

दोषी सात दिन में पूरे करें सभी विकल्पः हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने की केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा, दोषियों को अलग अलग नहीं, बल्कि एक साथ ही फांसी दी जाएगी। कोर्ट ने दोषियों को सात दिन के भीतर उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया। इसके बाद डेथ वारंट जारी करने की प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही कोर्ट ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट से दोषियों की अपील खारिज होने के बाद डेथ वारंट जारी करने के लिए कदम नहीं उठाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को भी फटकार लगाई।

लंबित याचिका पर टल जाती है फांसी

हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने अपने फैसले में कहा कि जेल मैनुअल के नियम 834 और 836 के मुताबिक अगर एक ही मामले में एक से ज्यादा सजा पाए दोषियों की याचिका लंबित रहती है तो फांसी टल जाती है। निचली अदालत ने सभी को एक साथ दोषी ठहराया था। उनका अपराध बेहद क्रूर और जघन्य था। इसका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत कुछ कानूनी उपाय उनको भी मिले हैं, जिनका उन्होंने इस्तेमाल किया। 

केंद्र और दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के 31 जनवरी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने दोषी मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। अक्षय, मुकेश और विनय की दया याचिका खारिज हो चुकी है, जबकि पवन ने अभी इसे दायर नहीं किया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad