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निर्भया के माता-पिता बोले, दोषियों को जल्द फांसी दी जाए

निर्भया केस के तीन दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के फैसले का निर्भया के माता-पिता समेत राष्ट्रीय...
निर्भया के माता-पिता बोले, दोषियों को जल्द फांसी दी जाए

निर्भया केस के तीन दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के फैसले का निर्भया के माता-पिता समेत राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वागत किया है। निर्भया के माता-पिता ने सोमवार को कहा कि दोषियों को जितना जल्दी हो सके फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि हमारा संघर्ष यहीं खत्म नहीं हो जाता है। न्याय में देरी हो रही है। इससे समाज की अन्य बेटियों को प्रभावित कर रहा है। मैं न्यायपालिका से अनुरोध करती हूं कि न्यायिक तंत्र को दुरुस्त किया जाए, दोषियों को जितना जल्द हो सके फांसी पर लटका कर निर्भया को न्याय दिया जाए।

आशा देवी ने कहा कि वे वारदात को अंजाम देने वाले नाबालिग नहीं थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने ऐसा अपराध किया। यह फैसला कोर्ट में हमारे विश्वास की पुष्टि करता है कि हम निश्चित रूप से न्याय प्राप्त करेंगे।

निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि हमें मालूम था कि समीक्षा याचिका खारिज कर दी जाएगी। लेकिन आगे क्या होगा? बहुत समय बीत चुका है और इस अवधि में महिलाओं के लिए खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि उन्हें जितनी जल्द फांसी दी जाएगी उतना ही अच्छा होगा।

केंद्रीय विधि और कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का पूरा देश स्वागत कर रहा है। यह फैसला उन लोगों के लिए सबक होगा जो इस तरह का अपराध करते हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने फैसले का स्वागत किया और कहा कि न्याय मिलने में देरी हो सकती है पर इसे नकारा नहीं जा सकता है।

निर्भया परिवार के वकील रोहन महाजन ने कहा कि यह विजय का क्षण है। न्यायपालिका में विश्वास बहाल हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि आगे की जो प्रक्रिया है उसे तेज किया जाए।

दूसरी ओर, दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि सभी को न्याय मिलना चाहिए। बच्चों (दोषियों) के साथ अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला राजनीतिक, मीडिया और लोगों के दबाव के कारण आया है।

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