रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे ‘सुरक्षित स्थल’ होने चाहिए जहां बहस और चर्चाएं चलती रहें। उन्होंने कहा कि यहां किसी को भी ‘राष्ट्र विरोधी’ बताकर चुप नहीं कराया जाए। राजन ने मुंबई में शुक्रवार को कहा कि विश्वविद्यालयों में हर किस्म के विचार प्रवाह को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
राजन ने कहा कि हमें विश्वविद्यालयों का ऐसे स्थान के रूप में सम्मान करना चाहिए जहां विचारों पर चर्चा होती हो और जहां आप अन्य पक्ष को यह कहकर चुप नहीं कराते हों कि आपको इस तरह बोलने का अधिकार नहीं है या आप राष्ट्र विरोधी हो। उन्होंने इस बाबत एक उदाहरण देते हुए कहा कि उनके एक सहयोगी ने विचारों से असहमत होने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व मुख्य रणनीतिकार स्टीव बैनॉन को शिकागो विश्वविद्यालय में बोलने के लिए बुलाया।
राजन ने कहा कि एक समाज के रूप मे हमें ऐसी सुरक्षित जगह का निर्माण करना है जहां बहस और चर्चाएं होती हैं और जहां लोग स्वतंत्रता का उपयोग करते हैं लाइसेंस का नहीं। जहां वे ऐसे विचार व्यक्त कर सकें जिससे समाज को आगे की गति मिले।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और भारतीय कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों व कुछ प्रबुद्ध अर्थशास्त्रियों ने‘ लिबरल आर्ट विश्वविद्यालय’ स्थापना के लिए हाथ मिलाया है। क्रिया नाम का यह विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश की श्रीसिटी में स्थापित किया जाएगा। इस गठजोड़ का मकसद देश में पूर्व स्नातक शिक्षा के स्तर में बदलाव लाना है।
इंडसइंड बैंक के प्रमुख तथा विश्वविद्यालय के निगरानी बोर्ड के चेयरमैन आर शेषसायी ने कहा कि प्रस्तावित लिबरल आर्ट विश्वविद्यालय में पहले चरण में 750 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। विश्वविद्यालय संचालन परिषद के सलाहकार राजन ने कहा कि हम नई सोच रखने वाले भारतीयों का समूह तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं जो दुनिया के विकास में योगदान देगा।