बिहार के बाद अब यूपी में भी गंगा नदी में करीब दो दर्जन शव मिलने से हड़कंप मच गया है। गाजीपुर जिले में गंगा के किनारे शव शरीर तैरते हुए पाए गए। यह इलाका बिहार के बक्सर से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इससे पहले बक्सर में सोमवार को गंगा नदी में शव मिले थे। नदी में शवों की कुल संख्या अभी भी साफ नहीं है। बिहार में अधिकारियों ने कहा है कि वे अब तक 71 शव बरामद कर चुके हैं।
गाजीपुर के गहमर पुलिस स्टेशन के एसएचओ ए के पांडे ने बताया कि शव गंगा नदी के तट पर क्षत-विक्षत अवस्था में पाए गए। शुरुआती जांच से पता चलता है कि शव 18 से 20 दिन पुराने हो सकते हैं। नदी से 23 शव बरामद किए गए और कुछ शवों का आंशिक रूप से अंतिम संस्कार किया गया और फिर नदी में फेंक दिया गया।
एसडीएम-रैंक के अधिकारियों ने स्थिति का आकलन करने के लिए क्षेत्र का दौरा किया। दिशानिर्देशों के तहत शवों का निस्तारण कर दिया गया। पांडे ने कहा कि इस घटना के बाद, उन्होंने नदी के किनारों पर नावों के माध्यम से गश्त तेज कर दी है। गंगा नदी के किनारे स्थित क्षेत्रों में चौकीदारों को तैनात किया है ताकि गलत कामों पर नजर रख सकें। उन्होंने कहा, "हमें कई व्यक्तियों द्वारा आंशिक रूप से शवों का अंतिम संस्कार करने और गंगा में फेंकने की शिकायत मिली है। जिलाधिकारी ने गंगा के दाह संस्कार घाटों पर चौकीदारों को तैनात किया है।"
सोमवार को, बक्सर जिले में गंगा के किनारे लगभग 45 शव मिले थे। जिला प्रशासन ने दावा किया कि शव उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, वाराणसी या प्रयागराज जिलों के हैं। बिहार प्रशासन का कहना था कि यह शव यूपी से तैरते हुए यहां आए हैं क्योंकि हमारे राज्य में शव को पानी में बहाने की परंपरा नहीं है।
उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना महामारी का संक्रमण फैल रहा है। ऐसे आशंका है कि गंगा नदी में मिलने वाले ये शव कोविड मरीजों के हो सकते हैं। शव मिलने से स्थानीय लोगों को डर है कि इससे पानी दूषित होगा और कोरोना संक्रमण फैलेगा। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले के जांच की बात कही है।