Advertisement

ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग हादसा। तान्या ने हमें कहा घबराओं नहीं, उसके जाने का गम जिंदगी भर रहेगा: साथी छात्र ने कहा

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग संस्थान में गत शनिवार को हुए हादसे में बचे 21 वर्षीय ऋषभ पाल ने...
ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग हादसा। तान्या ने हमें कहा घबराओं नहीं, उसके जाने का गम जिंदगी भर रहेगा: साथी छात्र ने कहा

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग संस्थान में गत शनिवार को हुए हादसे में बचे 21 वर्षीय ऋषभ पाल ने कहा कि उन्हें हमेशा इस बात का अफसोस रहेगा कि वह तान्या सोनी सहित अपने साथी छात्रों को नहीं बचा पाए। उन्होंने कहा कि तान्या ने ही उस समय उम्मीद नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित किया जब वह बुरी तरह से डर गए थे और अंत उन्हें नजदीक आता नजर आ रहा था।

गाजियाबाद निवासी ऋषभ उन 25-30 छात्रों में शामिल थे, जो 27 जुलाई की शाम को इमारत के बेसमेंट में फंस गए थे। इस हादसे में तान्या, श्रेया यादव और नेविन दाल्विन की बारिश के बाद बेसमेंट में पानी भरने से डूबने से मौत हो गई थी।

राव स्टडी सर्किल के बैच एम33 में सिविल सेवा सेवा की तैयारी कर रहे ऋषभ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम ठीक उसी समय लाइब्रेरी में थे, जब पानी इमारत में घुसने लगा। गेट के पास मौजूद करीब 10 से 12 छात्र किसी तरह बाहर निकल आए, लेकिन हममें से करीब 10-15 छात्र सीढ़ियों पर पानी के तेज बहाव के कारण फंस गए।’’

ऋषभ ने कहा कि वे उम्मीद खो चुके थे और उन्हें लगा कि वे सभी मर जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमारे बैच में पढ़ने वाली तान्या ने कहा कि घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है और हम बच जाएंगे। उसने यह भी कहा कि चलो एक मानव श्रृंखला बनाते हैं। हमने श्रृंखला बनाने की कोशिश की, लेकिन पानी के बहाव के कारण हम टिक नहीं पाए।’’

ऋषभ ने कहा, ‘‘पानी अंदर तेजी से बेसमेंट में भर रहा था, तान्या और श्रेया एक मेज पर खड़ी थीं। मैंने किसी तरह हिम्मत जुटाई और सीढ़ियां चढ़ने लगा। सीढ़ियों के बीच में एक हाउसकीपिंग स्टाफ ने अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया और मुझे ऊपर खींच लिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पीछे-पीछे मेरा दोस्त जयदीप और कुछ अन्य लोग बाहर आ गए। फिर हमारे संस्थान के कर्मचारी पानी में फंसे अन्य लोगों को बाहर निकालने के लिए रस्सी लेकर आए।’’

ऋषभ ने कहा कि तान्या और श्रेया शायद सीढ़ियों की ओर नहीं गईं क्योंकि वे अंदर बह रहे पानी की तीव्रता से डर गई थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नेविन के बारे में नहीं पता क्योंकि मैंने उसे लाइब्रेरी में नहीं देखा था। हो सकता है कि वह उस समय शौचालय में रहा हो।’’

उन्होंने कहा कि उनके पास प्रतिक्रिया करने के लिए बहुत कम समय था, क्योंकि 5-10 सेकंड के भीतर घुटनों तक पानी भर गया था और उसके बाद चीजें बदतर हो गईं। ऋषभ ने कहा, ‘‘नकुल अंत में बाहर आया और हमें बताया कि दो और लड़कियां (तान्या और श्रेया) अभी भी फंसी हैं। केवल तीन से चार मिनट में, 13 फुट ऊंची लाइब्रेरी पानी से भर गई।’’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad