राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर लगातार केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेने वाली कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को एक बार फिर हमला बोला है। हालांकि इस मुद्दे पर आज न सिर्फ कांग्रेस ने ही बल्कि अन्य विपक्षी दलों ने भी हंगामा मचा रखा है।
राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने शुक्रवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में संसद के बाहर इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। केन्द्र सरकार के खिलाफ विपक्षी नेता काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करते रहे। विपक्ष ने मांग की है कि राफेल सौदे पर जेसीपी बने।
इस डील के विरोध में आज कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई), राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दिल्ली में संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस डील को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताने पहुंच गई हैं।
राफेल सौदे को लेकर विपक्ष ने संसद में उठाया मामला
वहीं, इससे पहले गुरुवार को लोकसभा में राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस सांसदों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही बाधित हुई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शून्य काल में यह मामला उठाया और कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार फ्रांस के साथ हुए राफेल करार मामले में देश को गुमराह कर रही है।
खड़गे ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में प्रति विमान 526 करोड़ रुपये का करार किया गया था। उन्होंने कहा कि लेकिन अब विमान की कीमत तीन गुना बढकर 1600 करोड़ रुपये प्रति विमान हो गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राफेल 45,000 करोड़ रुपये का देश का सबसे बड़ा घोटाला है। हम इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग करते हैं। खडगे के बयान के बाद कांग्रेस के सभी नेता तख्तियां लेकर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समक्ष पहुंच गए और ‘लोगों और सदन को गुमराह करने’ का आरोप लगाया और ‘राफेल पर एक जेपीसी गठित करने’ की मांग की।