भविष्य में सौर और वायु ऊर्जा के क्षेत्र में तीन लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। देश में 2022 तक 175 मेगावट बिजली पैदा करने का मकसद है। यह खुलासा अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईओएल) की सालाना रिपोर्ट में किया गया है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा है कि जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। आईओएल का कहना है कि 2030 तक दुनिया भर में करीब 2.4 करोड़ ऩए पद सृजित होंगे। हालांकि हरित अर्थव्यवस्था के लिए सही नीतियों का होना भी जरूरी है जो कि कर्मचारियों को एक बेहतर सामाजिक सुरक्षा का मौहाल मुहैया कराएंगी।
रिपोर्ट में ऊर्जा , पर्यावरण एवं जल परिषद और नेशनल रिसोर्सज डिफेंस काउंसिल के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सौर और पवन ऊर्जा कंपनियों, डेवलपरों और विनिर्माताओं के सर्वेक्षण के आधार पर भारत में सौर तथा पवन ऊर्जा क्षेत्र में तीन लाख से अधिक श्रमिकों की नियुक्ति होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लक्ष्य को पूरा करने के लिए कर्मचारियों की पवन ऊर्जा परियोजनाओं और सौर ऊर्जा के कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाना होगा। साथ ही ये भी की रोजगार सृजन क्षमता घरेलू निर्माण और वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम पर भी निर्भर करती है।
जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया,फिलिपींस, दक्षिण अफ्रीका के अलावा भारत जैसे देशों में पर्यावरणीय नीतियां और राष्ट्रीय विकास नीतियां हरित अभियान में कौशल विकास के लिए काम करती हैं।