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संसदीय समिति ने Twitter से कहा- देश का कानून सर्वोपरि, आपकी नीति नहीं

ट्विटर और सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। संसदीय समिति के सामने शुक्रवार को ट्विटर इंडिया के...
संसदीय समिति ने Twitter से कहा- देश का कानून सर्वोपरि, आपकी  नीति नहीं

ट्विटर और सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। संसदीय समिति के सामने शुक्रवार को ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधि पेश हुए और सोशल मीडिया मंच के दुरुपयोग, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के मुद्दे पर बयान दर्ज कराया। समिति के सदस्यों ने ट्विटर से पूछा कि देश के कानून का ‘उल्लंघन’ करने पर उसके खिलाफ जुर्माना क्यों न लगाया जाए? ट्विटर की ओर से प्राइवेसी पॉलिसी का हवाला दिए जाने पर उन्होंने कहा कि देश का कानून सर्वोपरि है, आपकी नीति नहीं।

जवाब में ट्विटर ने कहा कि वह नए आईटी कानूनों का पालन कर रहा है। साथ ही, उसने बताया कि अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्त भी की है। बता दें कि नए आईटी कानून को लागू करने में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाली कमेटी ने फेसबुक, ट्विटर समेत कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को तलब किया था।

संसदीय समिति के सदस्यों ने पेश हुए ट्विटर के प्रतिनिधियों से कहा कि वे लिखित तौर पर दाखिल करें कि आपको ट्विटर इंडिया में कैसे रखा गया है और महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेने के मामले में आपके पास कितना कार्यकारी अधिकार है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में ट्विटर को नोटिस जारी कर नए आईटी नियमों का तत्काल अनुपालन करने का आखिरी मौका दिया था और चेतावनी दी थी कि नियमों का पालन नहीं होने पर इस प्लेटफॉर्म को आईटी अधिनियम के तहत जवाबदेही से छूट नहीं मिलेगी।

पिछले सप्ताह सूचना और प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने इस मंच के दुरुपयोग और नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण से संबंधित विषयों पर ट्विटर को तलब किया था। पिछले कुछ दिनों से केंद्र और ट्विटर के बीच कई मामलों पर टकराव बना हुआ है। कुछ दिन पहले ट्विटर उस समय भी विवाद में आ गया था, जब उसने उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत समेत संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के खातों से सत्यापन वाला ‘ब्लू टिक’ कुछ देर के लिए हटा दिया था।

इससे पहले  दिल्ली पुलिस ने ट्विटर को नोटिस भेजकर पूछा था कि उसने केंद्र सरकार के खिलाफ कथित ‘कांग्रेसी टूलकिट’ को ‘मैनिपुलेटिड मीडिया’ का तमगा कैसे दिया। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 31 मई को ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी से सवाल-जवाब किये थे। पुलिस 24 मई को टूलकिट के मुद्दे पर ट्विटर के दिल्ली और गुड़गांव स्थित दफ्तरों में भी पहुंची थी।

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