पूर्व में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय इस इमारत में स्थित था और इसीलिए इसको पर्यावरण भवन कहा जाता था। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय 14 जून, 2014 को अपने अलग परिसर में चला गया है। इस अवसर पर नायडू ने कहा कि इस इमारत का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल ‘अंत्योदय भवन’ इसलिए किया गया है ताकि पंडित दीनदयाल के अंत्योदय दर्शन को रेखांकित किया जा सके, जिन्होंने समाज के अत्यंत वंचित वर्गों और निर्धनतम लोगों के उन्यन का जीवन पर्यान्त प्रयास किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने ‘एकात्म मानववाद’ दर्शन का प्रतिपादन किया था जिसमें समाजवाद और पूंजीवाद के समानांतर शरीर, मन और आत्मा का विकास सम्मिलित है।
यह पंडित दीनदयाल जी का जन्मशती वर्ष है और यह प्रासंगिक है कि इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में एक महत्वपूर्ण इमारत का नाम उनके नाम पर रखा जाए। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एक पूर्णकालिक मंत्रालय के तौर पर अपने अलग उन स्तित्व का दशक पूरा कर रहा है। इस इमारत में जो अन्य विभाग स्थित हैं, उनमें रक्षा, केंद्रीय पुलिस संगठन और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल शामिल हैं। ये सभी विभाग राष्ट्र की अखंडता और उसकी शक्ति के लिए काम करते हैं।