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पतंजलि का मैसेजिंग एप 'किंभो' लॉन्च होने के कुछ घंटों बाद ही गूगल प्ले स्टोर से हुआ गायब

बुधवार को बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने वॉट्सएप को टक्कर देने के लिए मैसेजिंग एप 'किंभो' लॉन्च किया...
पतंजलि का मैसेजिंग एप 'किंभो' लॉन्च होने के कुछ घंटों बाद ही गूगल प्ले स्टोर से हुआ गायब

बुधवार को बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने वॉट्सएप को टक्कर देने के लिए मैसेजिंग एप 'किंभो' लॉन्च किया था। एक दिन के भीतर ही एप को 50 हजार बार डाउनलोड भी कर लिया गया लेकिन बिना तैयारी के लॉन्च किए गए इस मैसेजिंग एप को कुछ ही घंटों के बाद प्लेस्टोर से हटा दिया गया है। व्हाट्सएप को चुनौती देने के लिए लाए गए इस स्वदेशी मैसेजिंग एप बेशक गूगल प्ले स्टोर से गायब हो गया हो लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने इस एप को लेकर खूब मजे लिए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पतंजलि का स्वदेशी मैसेजिंग एप 'किंभो' लॉन्च होने के बाद से लगातार चर्चा में है। कभी हैंग होने को लेकर तो कभी प्लस्टोर से हटाए जाने के कारण यह सुर्खियों में बना हुआ है। इसमें अब हैकिंग का नाम भी जुड़ गया है।

बाबा रामदेव के इस एप पर कई और भी आरोप लगे हैं। किंभो एप सिक्योरिटी के मामले में भी काफी पिछड़ा हुआ साबित हुआ है। सोशल मीडिया पर लोगों के कमेंट और साइबर सिक्योरिटी के जानकर के मुताबिक, इस एप में बिना किसी खास मंजूरी के यूजर का सारा डेटा भी जा रहा था और तो और दूसरे यूजर्स की जानकारी भी एक्सेस की जा रही थी। जिन लोगों ने एक बार किंभो को डाउनलोड किया है उनके फोन में सर्च करने पर किंभो एप दिखा रहा है। वहां से इसे डाउनलोड भी किया जा सकता है। जिन लोगों के फोन में डाउनलोड करके अनस्टॉल कर दिया है। उनके फोन में भी एप दिखाई दे रहा है।

इलियट एंडरसन नाम के एक आदमी ने अपने ट्विटर अकाउंट से कई ट्वीट्स करके इस एप को सिक्यॉरिटी के साथ एक मजाक बताया। एक ट्वीट में उसने एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, 'यह किंभो एप एक मजाक है।


इससे पहले बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने टेलीकॉम सेक्टर की सरकारी कंपनी बीएसएनएल  के साथ मिलकर पतंजलि स्वदेशी समृद्धि सिम कार्ड लॉन्च किया था। अभी यह केवल पतंजलि संगठनों के कर्मचारियों को ही मिलेगा।

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